अल्पसंख्यकों का समर्थन करने का आरोप झेलने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी, आरएसएस और बीजेपी पर ‘सरासर झूठ’ फैलाने और उन्हें ‘हिंदू विरोधी’ के तौर पर पेश करने का आरोप लगाया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस और मोदी के लोगों ने सोशल मीडिया में उन्हें 'डॉगविजय' और 'पिगविजय' जैसे अपशब्द कहे हैं.
दिग्विजय सिंह का ब्लॉग इस सवाल के साथ शुरू होता है कि ‘क्या मैं हिंदू विरोधी हूं.’ उन्होंने उन लोगों को अपने घर आकर जांच करने का न्योता दिया है, जो सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा पर उंगली उठाते हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य सभी लोग जो संघ के दुष्प्रचार से गलत तरीके से प्रभावित हुए हैं, वे उन्हें अच्छी तरह समझने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं उसका ‘संघी गिरोह’ अनदेखी करने जा रहे है. फिर भी जो बात मैं मानता हूं उसे रिकॉर्ड में दर्ज कराना मेरा कर्तव्य है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने जो दावा किया है अगर आप उसे नहीं मानते हैं तो राघोगढ़ में मेरे अतिथि के तौर पर आपका स्वागत है और आप खुद इसकी जांच कर लें. राघोगढ़ का रास्ता भोपाल से तीन घंटे का है.’
सिंह ने आरएसएस के विचारक वीर सावरकर पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि वह आर्य समाज से जुड़े हुए थे और ‘सनातन धर्म के प्रबल विरोधी’ थे. उन्होंने कहा कि उनके गुरू द्वारका के शंकराचार्य हिंदुत्व का मतलब स्पष्ट नहीं कर पाए थे.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह मानते हैं कि इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल ‘वीर सावरकर’ ने किया जो कट्टर आर्य समाजी थे, जिन्होंने सनातन धर्म का प्रबल विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘सनातन धर्म के प्रति आर्य समाज की असहिष्णुता ज्ञात है. आर्य समाज सनातन धर्म के अनुसार धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अपने परिसरों के इस्तेमाल की अनुमति भी नहीं देता है.’
दिग्विजय ने कहा कि गायत्री मंत्र दिए जाने के बाद से वह 1969 से पूजा कर रहे हैं. वह सभी एकादशी में उपवास रखते हैं और विगत 21 सालों से विठो बा की पूजा करने के लिए पंढरपुर जाते हैं.
दिग्विजय सिंह पर अक्सर अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने वाले मुद्दों को उठाने का आरोप लगाया जाता रहा है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह एक अच्छे आस्थावान हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि मुस्लिमों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ संघियों और उनके वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा फैलाई जा रही गलत बातों के खिलाफ खड़े हों.
उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा, ‘बीजेपी के हिंदुत्व का धर्म से कुछ भी लेना देना नहीं है, बल्कि भोले-भाले हिंदुओं को ठगने की चाल है. एक अच्छा हिंदू संघ ब्रिगेड के विपरीत हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करता है.’दिग्विजय ने कहा कि वह प्रतिदिन आधे घंटे पूजा करते हैं और द्वारका और जोशी मठ के शंकराचार्य ने उन्हें ‘दीक्षा’ दी थी और मध्य प्रदेश के राघोगढ़ में उनके आवास पर नौ मंदिर हैं, जहां हर दिन पूजा होती है.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मुझे संघियों और अहमदाबाद के निकट मणिपुर साणंद में संस्कार धाम से काम कर रहे मोदी की ओर से रखे गए वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा सोशल मीडिया पर सर्वाधिक गाली खाने वाला व्यक्ति होने का दुर्लभ सौभाग्य हासिल है. उपरोक्त ‘गिरोह’ ने कभी मुझे 'डॉगविजय' सिंह, तो कभी 'पिगविजय' सिंह बताया है, जो शायद मेरे पौत्र से भी उम्र में छोटे होंगे.’
हिंदू सनातन धर्म के साथ अपने जुड़ावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा, ‘जो लोग यह मानते हैं कि मैं हिंदू विरोधी हूं, वे इसपर गौर करें. या क्या वे बीजेपी और आरएसएस में इससे अधिक किसी और धर्मपरायण हिंदू को जानते हैं. अगर जानते हैं तो मैं उनसे मिलना चाहूंगा.’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘कई बार मुझसे इस्लाम कबूल करने की तो कभी ईसाई धर्म कबूल करने की उम्मीद की जाती है. प्रचार के तौर पर उनके प्रशिक्षण के दौरान संघियों को सरासर झूठ फैलाने की बात सिखाई जाती है. लेकिन मैं उनपर या उनके माता-पिता पर दोषारोपण नहीं करूंगा, बल्कि संस्कार धाम या आरएसएस की शाखाओं में उन्हें दिए जाने वाले संस्कारों को दोषी ठहराया जाना चाहिए.’
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘इसके बावजूद संघ और बीजेपी और उनका ब्रिगेड मुझे हिंदू विरोधी बताता है.’ उन्होंने यह भी कहा कि राघोगढ़ में उनके आवास पर स्थित नौ मंदिरों में चौदह पीढ़ियों से अधिक समय से रोजाना पूजा हो रही है और उनमें से चार में चौबीस घंटे स्थाई तौर पर ‘ज्योति’ जलती रहती है और वह हनुमान मंदिर में वेद पाठशाला चलाने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. लोगों से अपना ब्लॉग पढ़ने को कहते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे हिंदू विरोधी, मुस्लिम समर्थक और हिंदू विरोधी राजनीति करने वाला बताया गया है.’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि भगवान राम को बेचने के अलावा बीजेपी ने किया ही क्या है.
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी से सवाल किया, 'कहां गए वो रुपये जो राम मंदिर को बनवाने के लिए इकट्ठा किए गए थे?' दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खरी खोटी सुनाई. दिग्विजय के मुताबिक, 'चुनाव से पहले मोदी विकास और प्रशासन की बात करते हैं लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं वो अल्पसंख्यकों के खिलाफ बोलने लगते हैं.'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं उनसे (मोदी से) जानना चाहूंगा कि सेक्युलरिज्म और कम्युनलिज्म का मतलब क्या है. हम इस पर मीडिया के सामने उनसे बहस करना चाहेंगे. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वो अपना काम देखें.'