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8 SIMI आतंकियों के एनकाउंटर पर तेज हुई सियासत, दिग्विजय ने पूछा- मुसलमान ही क्यों जेल से भागते हैं?

राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जब भी एनकाउंटर में आतंकी मारे जाते हैं, कुछ लोग सवाल उठाते हैं. किसी प्रकार की जांच की जरूरत नहीं है. पुलिस ने सभी जानकारियां दे दी हैं. एनआईए सिर्फ आतंकियों के कनेक्शन की जांच करेगी.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

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भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार हुए सिमी के 8 आतंकियों के एनकाउंटर पर राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हमेशा मुसलमान ही जेल तोड़कर क्यों भागते हैं, हिंदू क्यों नहीं. इस बीच, मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच SIT को सौंप दी है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआईए से जांच कराई जानी चाहिए. हमेशा मुसलमान ही जेल तोड़कर क्यों भागते हैं, क्या समस्या है, इसकी भी जांच होनी चाहिए. वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि हमें पुलिस और अधिकारियों पर सवाल उठाते की प्रवृत्ति छोड़नी चाहिए. तथ्य सामने आएंगे. सीपीआईएम नेता प्रकाश करात ने भी एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की है. प्रकाश करात की मांग है कि भोपाल एनकाउंटर की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए, एनआईए द्वारा नहीं.

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मायावती भी बरसीं
मायावती ने भी एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो एमपी पुलिस से खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक सिमी के लोग निहत्थे थे. उन्हें आसानी से गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसलिय प्रथम दृष्टया ये संदिग्ध लगता है. इसकी न्यायिक जांच हो. मायावती ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में आरएसएस और बीजेपी के एजेंडे के हिसाब से पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल होता है और महाखूनी व्यापम घोटाला इसका जीवंत उदाहरण है.

सोनिया गांधी स्पष्ट करें रुख
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी से पूछना होगा कि जो दिग्विजय सिंह कह रहे हैं क्या कांग्रेस पार्टी उसकी साथ खड़ी है? दिग्विजय सिंह ने पहले बाटला हाउस एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए थे और बाद में सोनिया गांधी को कहना पड़ा था कि यह पार्टी लाइन नहीं है.

इस बीच एनआईए के डीजी शरत कुमार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. एनआईए जल्द जांच शुरू कर सकती है. शरत कुमार ने कहा कि अभी सिमी के मामले पर कुछ नहीं बोलूंगा. सूत्रों के हवाले से खबर है कि NIA की टीम अभी तक भोपाल नहीं गई है. केस टेकओवर करने के बाद भोपाल जाएगी टीम.

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राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जब भी एनकाउंटर में आतंकी मारे जाते हैं, कुछ लोग सवाल उठाते हैं. किसी प्रकार की जांच की जरूरत नहीं है. पुलिस ने सभी जानकारियां दे दी हैं. एनआईए सिर्फ आतंकियों के कनेक्शन की जांच करेगी.

रिहाई मंच ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश की सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने मुठभेड़ को फर्जr करार दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो क्लिप को बुनियाद बनाकर कहा है कि वीडियो में जिस तरह शव दिख रहे हैं, उससे साफ है कि उन्हें मारकर फेंका गया है. यही नहीं, जिस तरह से एक पुलिस वाला एक शख्स पर गोली चला रहा है और पीछे से गालियों के साथ एक आवाज आ रही है कि मत मार वीडियो बन रहा है. इससे साफ हो जाता है कि मारने के बाद पुलिस मीडिया के सामने अपने को सही साबित करने के लिए मुठभेड़ का नाटकीय रुपांतरण कर रही है.

वोट बैंक की राजनीति कर रहे कुछ नेता
सीएम ने इस दौरान एनकाउंटर पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेताओं को हमारे जवानों की शहादत नहीं दिखती. उन्हें रमाशंकर का बलिदान नहीं दिखता. वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ नेता ऐसा कर रहे हैं, जो कि निंदनीय है.

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ओवैसी ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल
वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी सदस्यों के भागने और बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और पुलिस के बयान किसी भी तर्कसंगत शख्स के गले नहीं उतर सकते. ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इसपर जांच बिठानी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जेल से फरार कैदी अच्छी तरह से कपड़े पहने कैसे हो सकते हैं? उनके पास तो हथियार भी नहीं थे, वो सिर्फ कुछ धातु की चीजें लिए हुए थे जो हथियार जैसी नहीं हो सकती हैं. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने पूरी घटना को बेहद चौंकाने वाला बताया.

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