पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष लगातार विवादित बयान दे रहे हैं. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे धरना-प्रदर्शन पर उन्होंने तीन दिन पहले ही विवादित बयान देते हुए कहा था कि इतनी ठंड में धरना देने वाले मर क्यों नहीं जाते. अब गुरुवार को फिर उन्होंने एक प्रदर्शनकारी महिला के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है. इन विवादित बयानों के बाद घोष विपक्षी नेताओं के निशाने पर हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसका नेतृत्व खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष कर रहे थे. दक्षिण कोलकाता के पतुली से बाग जतीन के बीच रैली का आयोजन किया गया था. जब रैली इन इलाकों से गुजर रही थी, तभी एक अकेली महिला नागरिकता कानून और गुरुवार को जामिया में चली गोली के खिलाफ तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रही थी.
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भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस अकेली महिला के साथ बदसलूकी की. उन्होंने उसकी तख्ती छीन ली और उसके साथ गालीगलौच किया. आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने महिला के साथ धक्कमुक्की भी की. बाद में पुलिस ने महिला को छुड़ाया.
इस घटना के बाद दिलीप घोष ने कहा, 'हमारे लोगों ने महिला के साथ जो कुछ किया, वह सही है. महिला को उनका धन्यवाद करना चाहिए कि उनके साथ धक्कामुक्की के अलावा कुछ नहीं हुआ.'उन्होंने कहा ऐसे लोग हमारी रैलियों में ही क्यों आते, कहीं दूसरी जगह क्यों नहीं जाते. हमने बहुत सह लिया, अब और सहन नहीं करेंगे.
घटना के बाद पीड़ित महिला ने कहा कि भाजपा के खिलाफ उसका प्रदर्शन जारी रहेगा. माकपा नेता शमिक लाहिरी ने दिलीप घोष के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए. यह उनकी और उनकी पार्टी के विचारों को दर्शाता है. कांग्रेस नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि घोष को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
शाहीन बाग में नबालिग ने चलाई थी गोली
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ 45 के ज्यादा दिनों से जारी धरना-प्रदर्शन के दौरान एक नाबालिग ने गोली चला दी थी. एक प्रदर्शनकारी को गोली लगने से घायल हो गया था. इसके बाद देश भर में इस घटना की निंदा हुई.
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कई विपक्षी पार्टियों ने इस घटना के लिए भाजपा नेता अनुराग ठाकुर को जिम्मेदार बताया, क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक रैली के दौरान गोली मारने का नारा लगवाया था. पीड़ित महिला शाहीन बाग की इसी घटना का विरोध कर रही था.
घोष ने शाहीन बाग पर दिया था विवादित बयान
दिलीप घोष ने तीन दिन पहले कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में कड़ाके की ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों में से कोई भी बीमार क्यों नहीं पड़ा है या किसी की मौत क्यों नहीं हुई है. घोष ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन और कोलकाता के सर्कस पार्क में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के वित्तीय मदद के स्रोत को भी जानना चाहा. CAA के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं धरने पर हैं.