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जैसलमेर में मिले डायनासोर के पैरों के निशान

जैसलमेर जिले के एक गांव में वैज्ञानिकों को वो चीज मिली है, जिसकी कि उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी. वैज्ञानिकों को यहां एक चट्टान पर डायनासोर के पैरों के निशान मिले हैं.

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डायनासोर के फुटप्रिंट मिले
डायनासोर के फुटप्रिंट मिले

जैसलमेर जिले के एक गांव में वैज्ञानिकों को वो चीज मिली है, जिसकी कि उम्मीद भी नहीं की जा सकती थी. वैज्ञानिकों को यहां एक चट्टान पर डायनासोर के पैरों के निशान मिले हैं.

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जैसलमेर में पिछले कुछ दिनों से वैज्ञानिकों की एक टीम डेरा डाले हुए है, जिसमें भारत, फ्रांस और जर्मनी के वैज्ञानिक शामिल हैं. ये टीम डायनासोर पर अध्ययन कर रही है. चूंकि कुछ समय पहले यहां के रेतीले इलाके से डायनासोर के जीवाश्म मिले थे.

वैज्ञानिकों की ये टीम डायनासोर की उत्पति, विकास और विलुप्त होने तक की विभिन्न प्रक्रियाओं पर स्टडी कर रही है. इस टीम का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर जेन स्कोग का कहना है कि उन्होंने एक चट्टान पर डायनासोर का फुटप्रिंट देखा है. उन्हीं की टीम एक अन्य सदस्य प्रो. जी पिन्कोस्की ने इन पदचिन्हों के आधार पर अनुमान लगाया है कि यहां कभी उड़ने वाले डायनासोर रहे होंगे.

बताया गया है कि जो फुटप्रिंट देखा गया है वह बहुत छोटा है. इसकी लंबाई लगभग 5 सेंटीमीटर है. लेकिन कहा जा रहा है यह पदचिन्ह बहुत साफ और स्पष्ट है. इस फुटप्रिंट को एक खास नाम ग्रालेटर दिया गया है.

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दूसरा फुटप्रिंट जो देखा गया है, वह काफी बड़ा है. इसकी लंबाई लगभग 30 सेंटीमीटर है. इसे यूरोन्टेस कहा जाता है.

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