फिल्म डायरेक्टर ऋतुपर्णो घोष का गुरुवार सुबह निधन हो गया. वह 49 वर्ष के थे. उन्हें बंगाली फिल्म 'आबोहोमान' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. उन्होंने सुबह 7.30 बजे कोलकाता स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. उनकी मृत्यु हार्ट अटैक के कारण हुई. उनके साथी गौतम घोष ने बताया कि वह अग्नाशय (pancreatitis) की बीमारी से पीड़ित थे.
ऋतुपर्णो घोष का जन्म कोलकाता में हुआ था. फिल्मों की दुनिया से उनका रिश्ता बड़ा पुराना रहा है. उनके पिता डॉक्यूमैंट्री फिल्म मेकर थे. ऋतुपर्णो ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापन जगत से की थी. डायरेक्टर के तौर उनकी पहली पहली फिल्म हीरेर आंगटी (द डायमंड रिंग) थी. 'चोखेर बाली' और 'रेन कोट' उनकी चर्चित फिल्में रहीं. इन दोनों ही फिल्मों में उन्होंने ऐश्वर्या राय के साथ काम किया. इसके अलावा फिल्म 'दहन', 'असुख', 'बाड़ीवाली', 'अंतरमहल' और 'नौकाडुबी' फिल्में भी खूब चर्चा में रही. घोष पहली बार उड़ीया फिल्म 'काथा देथिली मा कु' में नजर आए थे.
घोष के निधन की खबर आते ही टॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने घोष के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा कि घोष नहीं रहे. इस समाचार को स्वीकार करना बड़ा मुश्किल है. हमने एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक को बहुत कम उम्र में खो दिया.' घोष को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके निवास पर अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की भीड़ लगी हुई है. राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी भी सुबह उनके घर गए.
शिक्षा मंत्री और रंगमंच के कलाकार ब्रत्य बसु ने कहा कि समाज के लिए भी उनका अहम योगदान है. अभिनेता के रूप में उन्होंने ‘चित्रांगदा’ में ट्रांसजेंडर की अलग तरह की भूमिका निभाकर ऐसे लोगों की दुर्दशा को दिखाया जिन्हें समाज में नजरअंदाज कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि घोष ने समान लिंग के बीच संबंधों को बंगाली समाज में पहली बार दिखाया और उसे बेहद मर्यादित ढंग से पेश किया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि वह रचनात्मकता से परिपूर्ण प्रतिभा थे जिनकी फिल्मों ने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी. उन्होंने कहा, 'मैं घोष के असमय निधन से स्तब्ध हूं. वह रचनात्मकता से परिपूर्ण प्रतिभा थे और अपनी फिल्मों के जरिये उन्होंने फिल्म निर्माण को नयी दिशा दी.हमेशा अपनी फिल्मों में नयी एवं सहसिक बातों को पेश करते थे और उनके निधन से एक खालीपन आया है, जिसे भरना काफी मुश्किल है.'
बॉलीवुड के Tweet
अपनी हर फिल्म में सिनेमाई सुंदरता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले घोष का अचानक निधन हो जाने पर अभिनेताओं और निर्देशकों ने ट्विटर के जरिए गहरा दुख प्रकट किया. बांग्ला फिल्मों के जाने-माने अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने कहा कि उनके लिए यह समाचार एक सदमे की तरह है. सौमित्र ने कहा, 'वह एक महान प्रतिभाशाली निर्देशक थे और उनके निधन से पैदा हुई रिक्तता को भरना आसान नहीं है.' घोष की फिल्म ‘रेनकोट’ में अभिनय करने वाले अभिनेता अजय देवगन ने कहा कि उनकी फिल्में समाज के अनूठे विषयों को दर्शाती थीं. अजय ने ट्विटर पर लिखा, 'रितुपर्णो घोष के निधन का समाचार सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी हूं. उनके साथ 'रेनकोट' में काम करना बेहतरीन अनुभव था. उनका चीजों को देखने का तरीका बहुत अलग और अनोखा था.'
ओनिर ने ट्विटर पर पोस्ट किया, 'बेहद दुख की बात है कि जिस व्यक्ति का प्रत्येक फ्रेम सिनेमाई सुंदरता की बात करता था और जिसने बांग्ला सिनेमा को नई दिशा दी, वह अब हमारे बीच नहीं रहा. हम जब आखिरी बार मिले थे तो हमने साथ काम करने की बात की थी. वह चाहते थे कि मैं उनकी कहानी का निर्देशन करूं. इस फिल्म में वह माधुरी और नाना पाटेकर से अभिनय कराना चाहते थे.'
घोष के साथ ‘शोब चोरित्रो काल्पोनिक’ में काम करने वाली अभिनेत्री बिपाशा बसु ने ट्वीट किया, 'कोयंबटूर पहुंचते ही यह दुखद समाचार मिला. रितु दा नहीं रहे. मैं इस पर भरोसा नहीं करना चाहती. उनके साथ मैंने यादगार समय बिताया है.' अनुपम खेर ने पोस्ट किया, 'मैं रितुपर्णो घोष के अचानक निधन से बहुत दुखी और सदमे में हूं. उन्होंने ‘बाड़ीवाली’ का निर्देशन किया था जो निर्माता के तौर पर मेरी पहली फिल्म है. उनके साथ बेहतरीन यादें जुड़ी हुईं हैं.'
घोष के साथ ‘द लास्ट लियर’ में काम करने वाली दिव्या दत्ता ने पोस्ट किया, 'रितु दा के बारे में सुनकर सदमे में हूं. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा. ‘द लास्ट लियर’ में उनके साथ काम करने के दौरान मेरी सबसे प्यारी यादें जुड़ी हैं.' फिल्मकार शेखर कपूर ने पोस्ट किया, 'रितुपर्णो घोष के निधन की खबर से सदमे में हूं. वह बहुत कलात्मक फिल्मकार थे.'