क्या कांग्रेस के नेता गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से इतने घबरा गए हैं कि वो आतंकवाद को न्यायोचित ठहराने पर उतर आए हैं. तूफान उठा है कांग्रेस महासचिव शकील अहमद के उस ट्वीट से, जिसमें उन्होंने कहा है कि गुजरात दंगे के रिएक्शन में इंडियन मुजाहिदीन का गठन हुआ. इसका क्या मतलब निकाला जाए कि गुजरात में दंगे नहीं होते तो इंडियन मुजाहिदीन का जन्म नहीं होता. आतंक पर ये कमाल की सियासत जारी है.
एनआईए चार्जशीट की ढाल लेकर कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए ट्वीट तो किया था, लेकिन ऐसा सियासी बवाल मचा कि खुद मुसीबत में पड़ते नजर आए. इंडियन मुजाहिदीन पर शकील अहमद के जिस ट्वीट से खलबली मची, उसमें यह था-
'एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों के रिएक्शन में हुआ. जो लोग सांप्रदायिक सियासत करते हैं, चाहे बीजेपी हो, आरएसएस हो, शिव सेना हो, उन्हें इससे बचना चाहिए.'
शकील अहमद ने ट्वीट किया और बीजेपी ने तुरंत लपक लिया. बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'मधुबनी की नुमाइंदगी करते हुए लगता है कि शकील अहमद आतंक के मधुबनी मॉड्यूल की भाषा बोलने लगे हैं.'
लेकिन, शकील अहमद तो बोले ही, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद मसूद ने भी उन्हें सही ठहरा दिया. राशिद मसूद ने कहा कि जिस तरीके से गुजपरा की पूरी सरकार शामिल हो गई, मुसलमान असहाय महसूस करने लगा, जिससे वह आतंकवाद की तरफ चला गया.
बहरहाल, मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस ने शकील अहमद और राशिद मसूद के बयान को निजी राय बताते हए उनसे किनारा कर लिया.
इन अहम सवालों के जवाब कहां हैं?
1. अगर शकील अहमद का बयान निजी है तो सवाल उठता है कि क्या वे इंडियन मुजाहिदीन का बचाव कर रहे हैं?
2. अगर इंडियन मुजाहिदीन गुजरात दंगे की प्रतिक्रिया में बना तो 2002 से पहले के आतंकवादी संगठन किसकी प्रतिक्रिया में बने?
3.
क्या शकील अहमद एनआईए की चार्जशीट के चुनिंदा अंशों को पार्टी के फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं?
4. कांग्रेस क्या आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या पर ऐसे हल्के बयानों से सिर्फ पल्ला झाड़कर बच सकती है?
5. क्या आतंकवाद पर सियासत करना ठीक है?
किसने क्या कहा:
शकील अहमद, कांग्रेस
शकील अहमद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर अपने पोस्ट में लिखा है, 'एनआईए ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों (2002) के बाद हुआ, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक राजनीति नहीं छोड़ रही है.'
रविशंकर प्रसाद, बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं कांग्रेस से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करने का आग्रह कर रहा हूं. मैं नहीं जानता कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने क्या कहा है. मैं समझता हूं कि देश की सुरक्षा को खतरा कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.'
मीनाक्षी लेखी, बीजेपी
मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया, 'शकील अहमद यह साबित करने का प्रयास करते दिख रहे हैं कि आईएम अपने लक्ष्य की पूर्ति कर रहा है और वे उसके प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रहे हैं.'
एम. वेंकैया नायडू, बीजेपी
नायडू ने कहा, 'इस तरह के मूर्खतापूर्ण दलील का मतलब क्या है. यह कुछ लोगों की आदत बन गई है. ये संगठन शुरू से ही मौजूद हैं. पाकिस्तान आतंकवादियों को सहयोग, बढ़ावा, आर्थिक मदद और प्रशिक्षण दे रहा है. आईएम और ऐसे अन्य संगठनों के पक्ष में तर्क नहीं दें. कुछ लोग ऐसे संगठनों के उदय के लिए मुंबई दंगों को कसूरवार ठहराते हैं तो कुछ लोग गुजरात दंगों को.'
शकील अहमद ने अपने ट्वीट पर दी सफाई
शकील अहमद ने फिर ट्वीट किया और कहा, 'कोई भी समझदार व्यक्ति आईएम या किसी भी अन्य संगठन के आतंकी करतूतों को सही नहीं ठहरा सकता. मैंने तो सिर्फ एनआईए की चार्जशीट के एक हिस्से का जिक्र किया था जिसे मीडिया उठाता रहा है.'
मीनाक्षी लेखी ने भी फिर ट्वीट किया
उन्होंने कहा, 'SIMI का गठन 1977 में हुआ और इस संगठन ने ISI के साथ मिलकर IM का गठन किया. वो लोग जो आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, मधुबनी मॉड्यूल का अध्ययन किया जाना चाहिए!'
राशिद मसूद, कांग्रेस
राशिद मसूद ने कहा, 'मैं तो पहले दिन से ये कहता रहा हूं कि गुजरात में जब आदमी असहाय महसूस करने लगता है तो फिर वो करो या मरो की स्थिति में आ जाता है. जिस तरह से पूरी गुजरात सरकार मुस्लिमों के कत्ल में शामिल थी, इसके बाद मुसलमान असहाय और असुरक्षित महसूस करने लगा और फिर आतंकवाद की ओर जाने लगा. यह संभावना हो सकती है. शकील जी ने जो कहा है यह संभव हो सकता है. बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए जो कर रही है वह देश को नुकसान पहुंचाने वाली चीज है.'
दिग्विजय सिंह, कांग्रेस
आतंकवाद धार्मिक उन्माद से फैलता है.