पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो फिर उन्हें पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए. किरण बेदी के मुताबिक, केजरीवाल पंजाब जाना चाहते हैं तो उन्हें वहां जाकर खुद चुनाव लड़ना चाहिए. ये नहीं कि दिल्ली और पंजाब दोनों की जनता को अधर में लटकाए रखें. किरण बेदी ने ये आरोप भी लगाया कि केजरीवाल की वादों से मुकर जाने की पुरानी आदत है. किरण बेदी ने साथ ही कहा कि पुड्डुचेरी में वह उपराज्यपाल के नाते जो कर रही हैं, वह पूरी तरह कानून की ओर से उन्हें दी गई शक्तियों के अनुसार हैं.
चेन्नई में आयोजित 'इंडिया टुडे कॉनक्लेव साउथ 2017' में किरण बेदी ने इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से खास बातचीत की. इसी बातचीत में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग पर अरविंद केजरीवाल के आरोपों के संबंध में कहा- 'अच्छा होता कि नजीब जंग भी वही करते जो मैं अब पुड्डुचेरी में कर रही हूं, यानी लोगों को, मीडिया को ये बताना चाहिए था कि क्या कानून हैं, क्या नियम-कायदे हैं और केंद्रशासित राज्यों में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के क्या अधिकार होते हैं.'
केजरीवाल पहले दिल्ली के CM की कुर्सी छोड़ें
अरविंद केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होने की संभावना की ओर किरण बेदी का ध्यान दिलाया गया तो उन्होंने कहा- 'अगर वह पंजाब का CM बनना चाहते हैं तो वह इसके लिए प्रतिबद्धता दिखाएं. पहले दिल्ली के CM पद से इस्तीफा दें. चुनाव लड़ें और अपने को विधायक निर्वाचित कराएं, फिर देखें कि क्या पंजाब का CM बन सकते हैं. लेकिन ये ना करें कि दिल्ली के CM बने रहें. फिर देखें कि पंजाब में क्या हो सकता है. फिर उपचुनाव के लिए जाएं. मैं जानती हूं कि चुनाव कितने महंगे होते हैं. अगर पंजाब के लिए प्रतिबद्धता दिखानी है, तो दिल्ली से इस्तीफा दें और अभी पंजाब जाकर चुनाव लड़ें.'
वादों से मुकर जाते हैं केजरीवाल
यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल ने जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तो दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि वह पांच साल तक दिल्ली में ही रहेंगे, लेकिन अब वह पंजाब का रुख करने की बात कह कर क्या दिल्ली के लोगों से विश्वासघात नहीं कर रहे है?, इस सवाल के जवाब में किरण बेदी ने कहा- 'उनका अपने वादों से मुकरने का रेपुटेशन है. 'गलती हो गई कहने की' उनकी खराब आदत है. बच्चों की या किसी और की कसम खाना, वादों से मुकर जाना. दुर्भाग्यवश उन्हें इन खराब आदतों से बाहर आना होगा, अगर वह राजनीतिक करियर में लंबा जाना चाहते हैं.'
किरण बेदी ने कहा कि सबसे अहम ये है कि लोग आपकी पीठ के पीछे आपके बारे में क्या सोचते हैं. जनधारणा ये है कि वह वादों से पीछे हट जाते हैं. उन्हें इस जनधारणा को बदलने के लिए काम करना चाहिए.
हरियाणा का नाम लेकर केजरीवाल पर चुटकी
केजरीवाल पंजाब के लिए प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं, इस सवाल के जवाब में किरण बेदी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के लिए भी कहा था कि कभी छोड़ कर नहीं जाऊंगा, अब पंजाब के लिए कह रहे हैं कि कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा. तो क्या फिर हरियाणा में रहेंगे. पंजाब और दिल्ली के बीच हरियाणा है, हरियाणा उनका है.
नजीब जंग को वो करना चाहिए था, जो मैं कर रही हूं
ऐसे आरोपों पर कि केजरीवाल के साथ दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने जो किया था, वैसा ही अब पुड्डुचेरी में मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ किया जा रहा है, किरण बेदी ने कहा- 'मैं चाहती कि नजीब जंग ने वो किया होता, जो मैं अब कर रही हूं. पब्लिक सर्वेंट को अधिक संवाद करना चाहिए. लोगों को अधिक एजुकेट करना चाहिए. अधिक इन्फॉर्म करना चाहिए. खास तौर पर केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में. क्या कानून है. क्या नियम और कायदे हैं.'
पुड्डुचेरी के CM के आरोपों को किया खारिज
पुड्डुचेरी में मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की अगुआई में कांग्रेस की सरकार है. नारायणसामी का आरोप है कि उपराज्यपाल किरण बेदी उनकी निर्वाचित सरकार को अनावश्यक दखल देकर काम नहीं करने दे रही हैं. इन आरोपों पर किरण बेदी ने विस्तार से जवाब दिया. किरण बेदी ने कहा- 'मैं सिर्फ कानून के मुताबिक अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही हूं. मैं उपराज्यपाल हूं और प्रशासक हूं. मेरी शक्तियां साफ हैं. वित्तीय मामले, सर्विस मामले और पॉलिसी मेकिंग, ये सब प्रशासक के नाते मेरी जिम्मेदारियां हैं.'
ये पूछे जाने पर कि पुड्डुचेरी में मुख्यमंत्री के साथ इतना टकराव क्यों हैं, तो किरण बेदी का जवाब था- 'शायद उन्हें ये सूट करता हो, मुझे नहीं पता इसकी वजह क्या है. उनकी विधायी शक्तियां हैं जिन पर मैं उन्हें पूरा समर्थन देती हूं. और ऐसा कोई भी कानून जो संसदीय भावना के अनुरूप नहीं होता और उसे वो पास करते हैं तो उसे मुझे राष्ट्रपति को रेफर करना होता है. मैं ये कहना चाहती हूं कि राज्यपाल वैधानिक छूट रखते हैं, लेकिन उपराज्यपाल को ये हासिल नहीं होती. राज्यपाल फिगर हेड हो सकते हैं, जैसा कि वो सोचते हैं. मैं फाइनेंशियल स्क्रूटनी के लिए जवाबदेह हूं. अगर मैं अपनी ड्यूटी नहीं करूंगी, तो किसी अन्य की तरह ही विभागीय जिम्मेदार होउंगी.'
किरण बेदी ने ये बात मानी कि जहां तक कॉन्ट्रेक्ट्स की बात है तो वो भारत सरकार के संस्थानों और कॉरपोरेशन को ही वरीयता देती हैं. किरण बेदी के मुताबिक पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री ने लिखित में प्राइवेट कॉंन्ट्रेक्टर्स के लिए ऐसी प्राथमिकता दिखाई है. किरण बेदी ने कहा कि उन्हें अगर भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है, तो वो विजिलेंस जांच या सीबीआई जांच के जरिये एक्शन लेंगी.
किरण बेदी ने सोशल मीडिया के जरिये जनशिकायतों को दूर करने की अपनी पहल को भी न्यायोचित ठहराया. किरण बेदी के मुताबिक उन्होंने उपराज्यपाल के दफ्तर को आम आदमियों के लिए खोला है. शनिवार-रविवार को जाकर ऐसी जगहों को साफ कराया है जो कभी साफ नहीं हुई थीं. किरण बेदी के मुताबिक जनहित के उनके कामों में विधायकों या मंत्रियों को हिस्सा ना लेने देने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से बाध्य किया जाता है. किरण बेदी ने कहा कि होना तो ये चाहिए कि हम सबको मिलकर काम करना चाहिए.