राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ को लेकर आलोचनाओं का सामना करने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने सोमवार को कहा कि संघ का अनुशासन आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की तरह 'अच्छा' है.
इससे पहले 44 साल के विश्वास ने आरएसएस को अनुशासित संगठन बताए हुए तारीफ की थी. उन्होंने कहा था, 'अगर कोई संगठन बहुसंख्यक के लिए बात करता है तो इसका यह मतलब नहीं कि वह सांप्रदायिक है.'
उनके इस बयान पर कुछ मुस्लिम संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई थी और उन्हें पार्टी से बाहर निकालने की मांग की थी. अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे विश्वास ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने कहा था कि आरएसएस का अनुशासन बहुत अच्छा है. लश्कर-ए-तैयबा का अनुशासन भी बहुत अच्छा है. लोग मरने के लिए तैयार हैं. अनुशासन उनसे सीखिए, हिंदू राष्ट्रवाद उनसे मत सीखिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सभी विचारों के लोगों से अच्छी चीजें ग्रहण करने में यकीन करते हैं, लेकिन आरएसएस के हिंदू राष्ट्रवाद के विचार से वह सहमत नहीं है.'
अमेठी से विश्वास के सामने राहुल और बीजेपी की स्मृति ईरानी हैं. अब तक उनके प्रचार के लिए AAP का कोई बड़ा नेता यहां नहीं आया है. अमेठी में 7 मई को मतदान होना है. यह पूछे जाने पर कि AAP के बड़े नेताओं ने यहां प्रचार क्यों नहीं किया तो विश्वास ने कहा, 'जब मैंने चुनौती स्वीकार की थी, तो नहीं सोचा था कि मेरे पीछे कौन आएगा. 15 अप्रैल को नामांकन दाखिल करूंगा और इससे पहले 14 किलोमीटर पदयात्रा करूंगा. जो लोग मेरे साथ आना चाहते हैं वे आ सकते हैं.'
उन्होंने कहा, अब तक मैंने इस क्षेत्र में अपने बूते काम किया है. पार्टी दूसरे स्थानों पर व्यस्त थी और मुझसे कहा गया था जब मुझे जरूरत होगी तो मैं कहूं. अब मैंने उनसे कहा है और अरविंद केजरीवाल, शाजिया इल्मी एवं मनीष सिसोदिया यहां आएंगे. कवि से नेता बने विश्वास ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच समझौता होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'उन्हें (स्मृति ईरानी) समझौते के तहत यहां भेजा गया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच समझौता हुआ है और इसके तहत बीजेपी वाराणसी में फायदा उठाएगी और कांग्रेस अमेठी में.'