दलितों के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियां कितनी गंभीर हैं, इसका नजारा गुरुवार को लोकसभा में देखने को मिला. सदन की कार्यवाही चलने के लिए कम से कम 55 सांसद की जरूरत होती है, लेकिन लोकसभा में यह सांसदों की यह मामूली संख्या भी उपस्थित नहीं थी. सबसे बड़ी बात यह कि दलित मुद्दे पर बहस की मांग करने वाला विपक्ष भी नदारद था.
दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह थोड़ी देर के लिए उठ कर क्या गए, विपक्ष शोर मचाने लगा. राजीव प्रताप रूडी ने तुरंत उसे आईना दिखाया. संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने विपक्ष से कहा कि आपकी पहली पूरी पंक्ति खाली है. दलित मुद्दे पर बहस दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर शुरू होनी थी, लेकिन सासंदो की कमी की वजह से सदन की कार्यवाही 3 मिनट की देरी से शुरू हुई.
तीन मिनट तक बजती रही घंटी, तब आए सांसद
कोरम पूरा न होने की घंटी 3 मिनट तक बजती रही. आखिरकार 2:38 बजे कोरम पूरा हुआ और चर्चा शुरू हो पाई. हालांकि, तब भी बहस की शुरुआत में कुल 75 सांसद ही मौजूद थे. गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत सत्ता पक्ष की तरफ से सिर्फ 38 सांसद उपस्थित थे, वहीं विपक्ष की बेंच भी खाली थी. यहां तक कि जब बहस शुरू हुई तो कांग्रेस के सिर्फ आठ सांसद सदन में थे. जबकि कई सांसद संसद भवन में मौजूद थे, लेकिन लोकसभा में अनुपस्थित.
कांग्रेस को खली नेताओं की गैरमौजूदगी
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसी को ढाल बनाकर बचने की कोशिश की. पार्टी के व्हिप चीफ सिंधिया ने कहा कि संसद में हमारे 18 सांसद थे. सोनिया गांधी अस्पताल में हैं और राहुल गांधी उनके साथ. लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अचानक बेंगलुरू जाना पड़ा. अपने नेताओं की गैरमौजूदगी में कांग्रेस का हमला भी कमजोर दिख रहा था. आखिरी वक्त में सिंधिया ने मोर्चा खोला.
'दलित मुक्त भारत बनाने की कोशिश'
प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी पर सवाल करते हुए सिंधिया ने कहा, 'पीएम सदन में क्यों नहीं जवाब देते.' तृणमूल ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की. सिंधिया ने हमला करते हुए कहा कि बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है, अब दलित मुक्त भारत की कोशिश हो रही है. फ्रिंज एलिमेंट सेंटर हो गए हैं.
मायावती की बाहर से दबाव बनाने की कोशिश
लोकसभा में बीएसपी का कोई सांसद नहीं है, लिहाजा बहस से पहले राज्यसभा सांसद मायावती ने बाहर ही प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पीएम संसद में जबाव दें, जब वे बाहर बोल रहे हैं तो अंदर क्यों नहीं.
'ठेकेदार बन रही हैं मायावती'
गुजरात के ऊना में दलित युवको की पिटाई की घटना के बाद लगातार विपक्ष के हमले झेल रही बीजेपी ने पिछली सरकार की गलतियां गिनाकर अपनी कमियां छिपाने की कोशिश की. गृहमंत्री ने विपक्ष से ज्यादा दलितों का दिल जीतने की कोशिश की. बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा, 'पहले ऐसी घटनाएं ज्यादा होती थीं. मायावती ठेकेदार बन रही हैं.'
...और धीरे-धीरे बढ़ गई सांसदों की संख्या
वहीं, चर्चा पूरी होने के बाद राजनाथ सिंह ने जवाब देते हुए कहा, 'ये भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी सरकार आने पर दलितों पर अत्याचार बढ़ा है.' इस बीच सदन में सांसदों की कम संख्या की खबर फैलते ही धीरे-धीरे माननीयों की संख्या बढ़ती गई. करीब 4 बजे सांसदों की गिनती 100 पार कर गई. सपा से धर्मेन्द्र यादव भी बोलने आ गए. लेकिन राजनाथ का जवाब आधा ही हुआ था कि कांग्रेस ने वाकआउट कर दिया. आरोप लगाया कि उनके सवालों का जवाब नहीं मिला. इसके बाद भी सदन में बोलते हुए राजनाथ ने अपना बयान पूरा किया.