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पाकिस्तान बोला- भारत चाहे तो रोक ले नदियों का पानी, हमें कोई असर नहीं पड़ेगा

पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा शुमैल ने कहा कि भारत पूर्वी नदियों का पानी यदि रोकेगा तो उसका पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि ये नदियां सिंधु समझौते के तहत भारत के अधिकार में आती है.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

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पुलवामा हमले के बाद भारत ने भले ही पाकिस्तान जाने वाली तीन नदियों का पानी रोकने की बात कही हो, लेकिन भारत के इस कदम से पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह कहना है पाकिस्तान जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल का.

पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा शुमैल ने कहा कि भारत पूर्वी नदियों का पानी यदि रोकेगा तो उसका पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि ये नदियां सिंधु समझौते के तहत भारत के अधिकार में आती है.

उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत तीनों नदियों के पानी को डाइवर्ट करके अपने लोगों के लिए इस्तेमाल करता है तो इस कदम पर पाकिस्तान को कोई भी आपत्ति नहीं है. सिंधु जल समझौते के तहत रवि, सतलुज और ब्यास के पानी पर भारत का अधिकार है.

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पानी रोकने पर क्या कहा था गडकरी ने...

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में यह कहा था कि सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली रावी, ब्यास और सतलुज का पानी डायवर्ट कर यमुना में लाया जाएगा. जो अब तक पाकिस्तान में जा रहा था. पानी को डायवर्ट करने से जम्मू- कश्मीर, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और किसान कई किस्म की फसल उगा सकेंगे. इन तीनों प्रोजेक्ट पर पहले ही काम शुरू हो चुका है.

सिंधु जल समझौते पर नहीं पड़ेगा असर...

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि तीनों नदियों का पानी डायवर्ट करने की योजना दीर्घकालिक है. जिसका कोई असर सिंधु जल समझौते पर नहीं पड़ेगा. आने वाले 6 सालों में यह योजना पूरी होगी. नदियों पर बांध बनाने का काम शुरू हो गया है.

मालूम हो कि नितिन गडकरी पाकिस्तान जा रहे भारत के हिस्से के पानी को डायवर्ट करने की बात पहले भी कह चुके हैं. हालांकि, उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पुलवामा को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच तनाव है.

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