दारूम उलूम देवबंद के उलेमाओं ने निकाह के चंद घण्टे बाद तलाक के एक मामले को जायज ठहराते हुए कहा है कि इस प्रकार के तलाक शरियत के मुताबिक सही है, लेकिन दुल्हन को इद्दत में बैठने की आवश्यकता नहीं है.
देवबंद के फतवा विभाग के उप प्रभारी मुफ्ती एहसान कासमी ने कहा कि निकाह के फौरन बाद पति द्वारा तलाक दिया जाना शरियत के अनुसार जायज है. ऐसी परिस्थिति में तलाक जहां जायज होगा, वहीं लड़की को इद्दत में बैठने की आवश्यकता नहीं होगी.
ऑल इण्डिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना मोहम्मद इस्लाम ने कहा कि अगर निकाह के बाद दुल्हा दुल्हन अकेले नहीं गए, तो तलाकशुदा लड़की पर इद्दत में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.
उल्लेखनीय है कि जिले के किकोड़ा गांव में शाहिद नामक युवक की बारात शबाना के घर आई थी. हालांकि निकाह पढ़े जाने के बाद पता चला कि शाहिद इससे पहले तीन निकाह कर चुका है, इसपर शबाना ने उसे अपना पति मानने से इंकार कर दिया और ग्रामीणों ने दूल्हे सहित बारात को बंधक बना लिया.
इस मामले में पंचायत ने दूल्हे पर धोखा देने के आरोप में 60 हजार के जुर्माने का फरमान सुनाया, जिसपर लड़के ने निकाह के चार घण्टे बाद तलाक दे दिया.