दिल्ली के रेयान इंटरनेशनल स्कूल वसंत कुंज में पहली कक्षा के छात्र दिव्यांश की मौत के बाद पोस्टमार्टम की अंतरिम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 6 साल के दिव्यांश की मौत की वजह एस्फेक्सिया बताई गई है. उसके फेफड़ों में पानी भरा मिला.
पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार
पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है. अंतरिम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने मौत की वजह बताते हुए कहा है कि टैंक में गिरने के बाद दिव्यांश ने बाहर आने के लिए काफी संघर्ष किया. आखिर में उसने हिम्मत और दम दोनों तोड़ दिया. दिव्यांश के पैरेंट्स अभी भी एम्स में ही हैं. एम्स की टीम सोमवार को भी घटनास्थल सहित पूरे स्कूल का मुआयना करने वाली है.
पूरी तरह जांच के घेरे में है स्कूल
इस मामले में स्कूल प्रशासन पूरी तरह पुलिस के घेरे में है. सुबह बसंत कुंज के एसडीएम सोनल स्वरुप की अगुवाई में एक जांच टीम स्कूल पहुंची है. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने स्कूल की प्रिंसिपल और कर्मचारियों से पूछताछ कर कुल 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, वहीं सीबीआई की टीम ने भी स्कूल का मुआयना किया है. बताया जाता है कि मामले में जल्द ही गिरफ्तारी भी हो सकती है. रेयान केस में पुलिस ने 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इनमें स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर भी शामिल हैं. सीबीआई की सीएफएसएल टीम ने भी स्कूल और घटनास्थल का मुआयना किया है. पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में अभी तक दिव्यांश कहीं नजर नहीं आ रहा है. बताया जाता है कि मामले में जल्द ही पुलिस कुछ लोगों को गिरफ्तार कर सकती है.
स्कूल ने बचाव में दिए बनावटी तर्क
स्कूल प्रशासन ने अपने बचाव में दिव्यांश की क्लास डायरी का हवाला दिया है. डायरी में उसकी अनुशासनहीनता को लेकर दर्ज नोटिंग के जरिए स्कूल ने बचाव किया है. पुलिस मामले में आगे स्कूल स्टाफ के दावों का मिलान डॉक्टर के बयान से करेगी. जांच में जुटी पुलिस को स्कूल के एंफीथियेटर के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं मिले हैं. स्कूल लॉबी की फुटेज जरूर मिली है, जिसके आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ रही है. इससे पहले दौसा में दिव्यांश का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाला दिव्यांश शनिवार को स्कूल के सेप्टिक टैंक में गिर गया था. मामले में पुलिस को पहली जानकारी स्कूल प्रशासन की बजाय अस्पताल से मिली थी. मासूम को जब अस्पताल ले जाया गया था उस वक्त वो दम तोड़ चुका था. अभी तक की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक स्कूल में जिस जगह यह हादसा हुआ उस वाटर टैंक के पास चेतावनी का कोई बोर्ड तक नहीं था.
कुछ दिन पहले ही दक्षिण दिल्ली के कापसहेड़ा में एमसीडी स्कूल में भी इसी तरह का दर्दनाक हादसा हुआ था, जब नर्सरी में पढ़ने वाले 5 साल के अंकित की सेप्टिक टैंक में गिरने से मौत हो गई थी.