देश के विभिन्न हिस्सों में प्रकाशपर्व दीवाली पारंपरिक श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर लोगों ने जहां अपने करीबियों को उपहार एवं मिठाइयां दीं, वहीं बच्चों में आतिशबाजी का उत्साह देखते ही बनता था.
एक-दूसरे को दीं शुभकामनाएं
दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों में उत्साह का माहौल था. लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं और मंदिरों में पूजा-अर्चना की. लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई कर उन्हें सजाया और मिठाई सहित अन्य पकवान बनाये गये. लोग एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाते हुए भी देखे गये.
सीमा पर भी रहा उत्साह का माहौल
आतंकवादी खतरों के मद्देनजर राजधानी के महत्वपूर्ण स्थलों, प्रतिष्ठानों, बाजारों और पूजा स्थलों सहित कई जगहों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. अमृतसर में हजारों सिखों ने स्वर्ण मंदिर के पवित्र सरोवर में डुबकी लगायी और पूजा अर्चना की. इसी दिन 1620 में मुगल बादशाह जहांगीर ने सिखों के छठे गुरु हरगोविन्द साहिब को रिहा किया था. उधर, अटारी और पुंछ में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तान रेंजर को फल और मिठाइयां भेंट स्वरूप दी.