तमिलनाडु में सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा अभी साफ नहीं है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (AIADMK) की महासचिव शशिकला और राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीसेल्वम में जहां रस्साकशी जारी है वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) भी मौके का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. DMK ने राज्य में नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग दोहराई है.
DMK ने आशंका जताई है कि शशिकला और पन्नीरसेल्वम दोनों के ही सदन में बहुमत साबित नहीं करने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, हम कभी भी तमिलनाडु में राष्ट्रपति शासन का समर्थन नहीं करेंगे. राज्यपाल को ये मामला सुलझाना चाहिए.
राज्यसभा में DMK सांसद आर एस भारती ने कहा, राज्य के हित में यही होगा कि अगर शशिकला या पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो वो लोगों के बीच जाकर जनादेश लें. लोगों को उन्हें चुनना चाहिए. बस यही एक रास्ता है.
भारती ने कहा कि राज्य में जिसे भी जनादेश मिले उसे ही सत्ता में आना चाहिए. भारती के मुताबिक जयललिता को जनादेश मिला था तो AIADMK और DMK में मतों का अंतर सिर्फ 5 लाख था.