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करुणानिधि की उंगलियों पर नाचती थी हिंदुस्तान के 5 प्रधानमंत्रियों की तकदीर

तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि की दिल्ली के दरबार में भी अच्छी खासी धमक थी. वो ऐसे ही दिग्गज थे, जिनकी उंगलियों पर पांच-पांच प्रधानमंत्रियों की तकदीर नाचती रही. उनकी राजनीतिक यात्रा बेमिसाल रही है. मील के कई पत्थर करूणानिधि के नाम दर्ज हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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तमिलनाडु की राजनीति के पितामह एम करुणानिधि ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. राजनीति का ऐसा धुरंधर कम ही देखने को मिलता है कि वो बैठा रहे चेन्नई में और उसकी धमक और हनक दिल्ली दरबार को सहलाती भी रहे और दहलाती भी. करुणानिधि ऐसे ही दिग्गज थे, जिनकी उंगलियों पर पांच-पांच प्रधानमंत्रियों की तकदीर नाचती रही.

साल 1989 में वीपी सिंह ने डीएमके के समर्थन से सरकार बनाई थी. डीएमके वीपी सिंह के मंत्रिमंडल में भी शामिल हुई. साल 1996 में देवेगौड़ा की सरकार रही हो या 1997 की गुजराल सरकार, उन सरकारों की किस्मत की एक डोर करुणानिधि ने संभाल रखी थी.

साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, तो उस सरकार के लिए भी करुणानिधि संकटमोचक बनकर उभरे. इसके बाद साल 2004 में मनमोहन सिंह आए, तो गठबंधन की एक गांठ खोलने और बांधने में करुणानिधि का भी बड़ा हाथ था.

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14 साल की उम्र में शुरू हुआ राजनीतिक सफर

महज 14 साल की उम्र में राजनीति से करुणानिधि का ऐसा नाता जुड़ा कि 94 साल की उम्र तक राजनीति उनकी सांसों में धड़कती रही. उनकी कलम पर मचलती और जुबान पर उबलती रही. वो राजनीति तो रहेगी, लेकिन 80 साल तक उससे आंख मिचौली खेलने वाला वो महायोद्धा करुणानिधि चला गया. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की राजनीति जितनी चेन्नई में धंसी थी, उतना ही उसका असर दिल्ली में भी था.

बेमिसाल रही करुणानिधि की राजनीतिक यात्रा

अगर दिल्ली दरबार करुणानिधि को नकारकर आगे नहीं बढ़ सकती थी, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु के लोगों के दिल में उस आदमी की कदर कितनी बड़ी रही होगी. सियासत की महागाथा में जब भी महारथियों का जिक्र होगा, तो करूणानिधि वहां जरूर मौजूद होंगे. उनकी राजनीतिक यात्रा बेमिसाल रही है. मील के कई पत्थर करूणानिधि के नाम दर्ज हैं. करुणानिधि की कुछ राजनीतिक उपलब्धियों इस प्रकार हैं.......

1 - 80 साल के राजनीतिक कैरियर में करूणानिधि कभी चुनाव नहीं हारे.

2 - पहली बार 1957 में चुनाव लड़े और 13 बार विधायक रहे.

3 - करुणानिधि के नाम पांच बार तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है.

4 - करुणानिधि पहली बार 1969 में तमिलनाडु के सीएम बन गए थे.

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करुणानिधि को मरीना बीच में दफनाने की मांग

डीएमके करुणानिधि को मरीना बीच में दफनाने की जगह देने की मांग कर रही है, जहां तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री अन्ना दुरै को दफनाया गया था. तमिलनाडु सरकार द्वारा इनकार किए जाने पर मामला मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुकी से लेकर अभिनेता रजनीकांत तक ने करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच में जगह दिए जाने की मांग का समर्थन किया है. हालांकि तमिलनाडु सरकार ने जगह देने से इनकार कर दिया है. अब इस पर कोर्ट ही फैसला करेगा.

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