श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने वाली पार्टी डीएमके के सभी केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. डीएमके के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करके उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा.
कांग्रेस ने नहीं छोड़ी है उम्मीद
मंगलवार रात को ही डीएमके के वरिष्ठ नेता टीआर बालू ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें पार्टी के समर्थन वापसी की चिट्ठी सौंपी थी. हालांकि कांग्रेस ने अभी भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है. कांग्रेस को उम्मीद है कि अभी भी डीएमके के रुख में बदलाव की गुजाइश है.
फैसले पर फिर विचार करेगी डीएमके?
केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने बुधवार को आशा जाहिर की कि डीएमके केंद्र सरकार से अलग होने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी. अश्विनी कुमार ने कहा, 'हमें आशा है कि डीएमके अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी. डीएमके महत्वपूर्ण सहयोगी है. मुझे आशा है कि समस्या का समाधान हो जाएगा.' उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यूपीए से डीएमके के अलग होने के बाद केंद्र सरकार की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है और इसे संसद में अब भी बहुमत हासिल है.
सरकार को बहुमत का भरोसा
अश्विनी कुमार ने कहा, 'यूपीए सरकार को संसद में बहुमत हासिल है और हम अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. सरकार की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है. संख्या का गणित यूपीए के पक्ष में है.'