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अन्नाद्रमुक विधायकों को मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची डीएमके

तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने एएमएमके के संस्थापक टीटीवी दिनाकरण से नजदीकी रखने के कारण अन्नाद्रमुक के तीन विधायकों को नोटिस दिया था. विधानसभा स्पीकर के इस निर्णय के खिलाफ डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

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डीएमके ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
डीएमके ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

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एएमएमके के संस्थापक टीटीवी दिनाकरण से नजदीकी रखने की वजह से अन्नाद्रमुक के तीन विधायकों को दिए गए नोटिस के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी(डीएमके) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. तीनों विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत नोटिस जारी किया गया था. विधायकों को नोटिस विधानसभा अध्यक्ष ने जारी किया था. डीएमके ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस जारी करने वाले कदम को असंवैधानिक बताया.

पार्टी का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल का निर्णय संविधान पीठ के एक फैसले का उल्लंघन है. नबाम रेबिया केस पर दिए गए संवैधानिक पीठ के फैसले का हवाला दिया गया है. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव का एक मामला भी अभी लंबित है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा.

तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने एएमएमके के संस्थापक टीटीवी दिनाकरण से नजदीकी रखने के कारण अन्नाद्रमुक के तीन विधायकों को नोटिस दिया था. सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तीनों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था. विधानसभा अध्यक्ष ने कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्य सचेतक एस राजेंद्रन की याचिका के आधार पर ए प्रभु, वी टी कलाईसेल्वन और ई रातिनासबापति को नोटिस जारी किया था.

तीनों विधायकों को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया था. अन्नाद्रमुक की याचिका पर किसी भी कार्रवाई का विरोध करने वाली द्रमुक ने विधान सभा अध्यक्ष के कदम को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया था और उन्हें पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव दिया था.

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विधानसभा में विपक्ष के नेता और द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने प्रस्ताव विधानसभा सचिव को सौंपा है. द्रमुक के नेता आर एस भारती ने द्रमुक और एमडीएमके ने तीनों विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के किसी भी कदम का विरोध करते हुए दावा किया है कि अन्नाद्रमुक का कदम पलानीस्वामी सरकार को बचाना है क्योंकि वह विधानसभा की 22 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद बहुमत गंवा देगी.

सूत्रों ने नोटिस की विषयवस्तु के बारे में विस्तार से तो नहीं बताया लेकिन संकेत दिया कि सार्वजनिक रूप से मेलजोल के कारण उनसे जवाब मांगा गया है. अन्नाद्रमुक से दरकिनार किए जाने के बाद दिनाकरण ने अम्मा मक्काल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) का गठन किया था. हालांकि, तीनों विधायक लंबे समय से कहते रहे हैं कि वे अन्नाद्रमुक में ही हैं.

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