तमिलनाडु में एआइएडीएमके की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पार्टी डीएमके ने कहा है कि राजनीतिक बैर अपनी जगह है, लेकिन सच यह है कि जयललिता का इस दुनिया से जाना पूरे तमिलनाडु की जनता के लिए एक बड़ी क्षति है. डीएमके सांसदों टीकेएस एलनगोवन और भारती ने आज तक से खास बातचीत में यह बात कही.
डीएमके नेताओं ने कहा कि वह काफी साहसी महिला थीं और वह दूसरे दलों के क्षमतावान तथा बुद्धिजीवी नेताओं की भी इज्जत करती थीं. डीएमके सांसदों ने कहा कि इंदिरा गांधी के बाद वह एक महान योद्धा थीं और एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने पूरे देश में जगह बना ली थी.
पनीरसेल्वम कहीं नहीं ठहरते
डीएमके सांसदों ने कहा कि जयललिता और पनीरसेल्वम की कोई तुलना नहीं हो सकती. डीएमके नेताओं ने कहा, 'पार्टी ने उन्हें नेता चुना है और उनके पास पांच साल तक शासन करने के लिए विधायकों की संख्या भी है, लेकिन सच तो यह है कि एआइएडीएमके में एक खाली जगह बन चुकी है. हम नहीं जानते कि वह इसको कितना भर पाएंगे. हम उनकी जयललिता से तुलना नहीं कर सकते. वह एक करिश्माई नेता थीं. उनकी आकस्मिक मौत की वजह से पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री बने हैं. वह कितना बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और पार्टी के नेता उन्हें किस हद तक स्वीकार करते हैं, यह देखना होगा. पनीरसेल्वम पार्टी के कई प्रमुख नेताओं में से एक हैं, पार्टी में उनसे कई वरिष्ठ नेता भी हैं, इसलिए समस्या खड़ी हो सकती है.' डीएमके सांसदों ने कहा कि जयललिता का पार्टी पर पूरी तरह से नियंत्रण था, जबकि पनीरसेल्वम कितना कंट्रोल रख पाते हैं, यह भविष्य के गर्भ में है.
भले व्यक्ति हैं पनीरसेल्वम
डीएमके नेताओं ने कहा कि पनीरसेल्वम वैसे तो भले आदमी हैं, लेकिन अभी तक पनीरसेल्वम को जयललिता का मार्गदर्शन मिलता रहा है. जब वह मुख्यमंत्री रहे, तब भी उन्हें जयललिता का मार्गदर्शन मिलता रहा. अब जयललिता नहीं हैं तो उन्हें खुद प्रदर्शन करके दिखाना होगा. एआइएडीएमके के लिए आगे आने वाला समय मुश्किल होगा. वह इससे कैसे निपट पाते हैं यह देखना होगा.