यूपीए के प्रमुख घटक द्रमुक ने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर केंद्र की ‘धीमी’ प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए धमकी दी कि अगर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमेरिकी प्रस्ताव पर वह संशोधन पेश करने में नाकाम रहता है तो पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर हो सकती है.
द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि ने कहा, ‘अगर हमारी मांगें नहीं पूरी की गयीं तो संदेह है कि गठबंधन के साथ हमारे संबंध जारी रहेंगे. निश्चित है कि यह जारी नहीं रहेंगे.’
करुणानिधि ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह महसूस करते हैं कि इस मुद्दे पर वह केंद्र द्वारा ‘अपमानित’ किए गए हैं.
करुणानिधि ने पहले धमकी दी थी कि अगर सरकार श्रीलंका में कथित युद्ध अपराधों और अंतरराष्ट्रीय जांच के बारे में अमेरिकी प्रस्ताव पर कुछ संशोधनों के संबंध में उनकी पार्टी की मांग स्वीकार नहीं करती है तो केंद्रीय मंत्रिपरिषद से पार्टी के मंत्री वापस बुला लिए जाएंगे.
88 वर्षीय करुणानिधि ने कहा कि भारत द्वारा पेश संशोधनों को अमेरिका स्वीकार करे या नहीं, नयी दिल्ली को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकाय में संशोधन पेश करने चाहिए.