मेट्रो दिल्ली की शान बनी है, तो इसके पीछे मेट्रो का शानदार रिकॉर्ड भी है और इसमें सबसे बड़ी खूबी है वक्त के पहले काम खत्म करना लेकिन इस बार यानी तीसरे फेज़ में मेट्रो की चाल लड़खड़ाने लगी है. खुद मेट्रो के अफसर इस बात को मान रहे हैं.
तीसरे फेज़ में मेट्रो का 140 किलोमीटर लंबा रूट तैयार होना है. टेंडर हो चुके हैं, लेकिन कई जगह काम शुरु नहीं हो पाया है, ऐसे में 2016 की डेडलाइन मेट्रो के लिए मुश्किल साबित हो सकती है.
मेट्रो के लिए मुसीबत इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि दूसरे फेज़ की तरह इस बार सरकार के सामने कॉमनवेल्थ खेलों जैसी कोई डेडलाइन नही हैं. ज़ाहिर है सरकारी एजेंसियों की ढीलपोल भी मेट्रो की राह का रोड़ा बनेंगी.