जिस दीवार गिराने को लेकर यूपी के नोएडा में आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित किया गया, वो दीवार दुर्गा ने नहीं गिराई थी. यह खुलासा हुआ है गौतमबुद्ध नगर के डीएम की जांच रिपोर्ट में.
डीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि गांववालों ने दीवार गिराई थी. डीएम ने यूपी सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि गांव में कोई तनाव नहीं है.
इस रिपोर्ट के आने के बाद बीजेपी ने अपना रुख कड़ा करते हुए कहा कि अब साफ हो गया है कि आईएएस दुर्गा का निलंबन माफिया के दबाव में लिया गया.
बीजेपी ने कहा, 'यूपी में हालात अब बद से भी बदतर हो रहे हैं. उन्होंने शिवपाल यादव को पूरे मामले की लीपापोती करने का आरोपी ठहराया है और कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश भी इन माफियाओं के दवाब में आ गए हैं.'
इसकी कड़े तेवर में निंदा करते हुए बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल ने जेसीबी के इस्तेमाल से वहां कोई दीवार नहीं गिराई थी. गांववालों ने वो दीवार गिराई थी. यहां तक कि डीएम के रिपोर्ट में किसी तनाव की सूचना भी नहीं है. इसका मतलब साफ है कि आईएएस दुर्गा को माफिया के दबाव में हटाया गया था.'