गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग की है. इससे पहले प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी चिट्ठी में कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने पर डॉ. कफील खान के उपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. डॉ. कफील के साथ नाइंसाफी हो रही है. मैंने भी नागरिकता कानून का सड़क से लेकर संसद तक विरोध किया, लेकिन मेरे उपर राजद्रोह का केस नहीं दर्ज हुआ.
डॉ. कफील की रिहाई के लिए प्रियंका की चिट्ठी, योगी को याद दिलाया उन्हीं के गुरु का मंत्र
आगे अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि डॉ. कफील खान के बोलने के अधिकार को दबाया गया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. इंटरनेशनल संस्थाएं जैसे यूनाइटेड नेशन ने भी डॉ. कफील खान को रिहा करने के लिए कहा था, फिर भी उनकी रिहाई नहीं हुई है. किसी के साथ नाइंसाफी, भेदभाव करके रामराज्य की स्थापना नहीं हो सकती है.
Hon PM Sh @narendramodi Ji, I on behalf of my party vehemently opposed #CAA, so did millions of ppl, however no #NSA was invoked agnst me and othrs, then, why Dr Kafeel Khan has been imprisoned for the same!
RAMRAJ is simply antithetical to injustice, discrimination & retribution pic.twitter.com/pWmnScT2FO
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) August 4, 2020
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, 'डॉक्टर कफील खान करीब 450 दिन जेल में गुजार चुके हैं. उन्होंने कठिन परिस्थितियों में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की है. मुझे उम्मीद है कि आप संवेदनशीलता का परिचय देते हुए डॉक्टर कफील खान को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे.'
क्या है पूरा मामला
डॉक्टर कफील खान गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बच्चों के डॉक्टर थे. 2017 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. उस समय कफील खान वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे और बच्चों की मौत को लेकर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
आठ महीने जेल में रहने के बाद 2018 में डॉक्टर कफील खान को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसी साल जनवरी में कफील एक बार फिर मुश्किलों में फंस गए, जब उन्हें एएमयू में विवादित बयान देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. फरवरी में कफील जमानत पर रिहा होने ही वाले थे कि योगी सरकार ने उन पर राजद्रोह लगा दिया.