देश में डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई तंत्र बनाने की जरूरत है, जिससे डॉक्टर अगर हड़ताल पर भी जाते हैं तो आईसीयू के मरीजों और जिन मरीजों की हालत गंभीर है, उनका इलाज हो सके.
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा गया है कि जब डॉक्टर हड़ताल पर हों तो मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की जाए, जिससे मरीजों को परेशानी न हो. याचिका में कहा गया है कि कई बार अदालतों की तरफ से डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया गया लेकिन उसके बावजूद हड़ताल खत्म नहीं की गई.
Supreme Court issues notice to Centre & Indian Medical Association on a petition seeking direction to make doctors liable for going on strike & raising the effect of strike on medical & emergency services. pic.twitter.com/IpdkDeOavH
— ANI (@ANI) December 2, 2019
हड़ताल को लेकर इमरजेंसी सेवाओं में होने वाली बाधाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया. पक्षकारों में केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया भी शामिल हैं. आए दिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों के इलाज पर काफी असर पड़ता है. इमरजेंसी से लेकर ओपीडी सेवा पर भी बुरा असर देखा जाता है. इसमें मरीजों की मौत भी हो जाती है. सरकार की अपील के बावजूद डॉक्टर काम पर नहीं लौटते. इस सूरत में कोर्ट का आदेश ही काम आता है और उसके निर्देश के बाद डॉक्टर काम पर लौटते हैं.