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'अवैध' बिलों को ना भरें दिल्लीवासीः अरविंद केजरीवाल

अपने अनिश्चितकालीन अनशन की पूर्व संध्या पर अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वह बिजली और पानी के ‘अवैध’ बिलों का भुगतान न करें.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

अपने अनिश्चितकालीन अनशन की पूर्व संध्या पर अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वह बिजली और पानी के ‘अवैध’ बिलों का भुगतान न करें.

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केजरीवाल ने विपक्षी दल बीजेपी को भी निशाना बनाते हुये कहा कि बिजली और पानी के बिल के खिलाफ बीजेपी का आंदोलन सिर्फ चुनावी हथकंडा था और वह कांग्रेस से ही मिली हुई है.

उन्होंने कहा, ‘लोगों पर बिलों का भुगतान करने के लिये दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि वे अपने खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई से डरते हैं. उनमें विश्वास पैदा करने के लिये मैं कल (शनिवार) से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे अनशन का उद्देश्य अवैध बिलों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना है.’ केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वह बिलों का भुगतान नहीं करें. उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा से ज्यादा लोग बिलों का भुगतान नहीं कर ‘नागरिक अवज्ञा’ आंदोलन में हिस्सा लेंगे तो सरकार और बिजली कंपनियां उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पायेंगी.

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यह पूछे जाने पर कि वह लोगों को कानून तोड़ने के लिये उकसा रहे हैं, उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी खुद कहा था कि लोगों के खिलाफ बने कानून का पालन नहीं करना चाहिये और इसके परिणामों का सामना करने के लिये तैयार रहना चाहिये.

आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने कहा, ‘बिजली की दरें घटाने के दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के आदेश की प्रति बीजेपी के पास 2010 से थी पर वह उसपर बैठी रही और जब चुनाव नजदीक हैं तो वह इस इजाफे के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा में यह मामला नहीं उठाया. दीक्षित सरकार अब बिजली वितरण कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपये का बेलआउट पैकेज देना चाह रही हैं.’ केजरीवाल ने कहा कि लोगों को बिजली और पानी के बिल का भुगतान करने के लिये कर्जा लेना पड़ जायेगा. उन्होंने बताया कि उनके अलावा पार्टी के कार्यकर्ता भी 264 वाडरें में अनशन पर बैठेंगे.

चुनाव आयोग से मिली आम आदमी पार्टी को हरी झंडी

केजरीवाल के अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) को शुक्रवार को चुनाव आयोग से पंजीकरण मिल गया हालांकि इसे कोई चिह्न नहीं दिया गया है. एएपी ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने एक पंजीकरण पत्र जारी किया है और जोर दिया है कि उसने आम आदमी पार्टी को जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29 ए के तहत एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कर लिया है और यह 21/3/2013 से प्रभावी हो गया है.’ पार्टी ने कहा कि इससे हम स्वराज के सपने के एक कदम और नजदीक पहुंच गये हैं जिसमें शासन को सीधे लोगों के हाथ में देना है. जैसाकि यह सब जानते हैं कि हमारे नवजात आंदोलन ने अपने शुरू होने के कुछ महीने के अंदर ही भारत में भ्रष्टाचार की जड़ों को हिलाकर रख दिया. एएपी ने कहा कि उसे कोई विशेष चिह्न नहीं जारी किया गया है और नियमों तथा विनियमों के मुताबिक चुनाव लड़ने की अधिसूचना से ठीक पहले चिह्न आवंटित किया जायेगा.

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