उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने आवास पर राज्य के सभी 72 जिलों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा की और वरिष्ठ प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों को हिदायत दी कि अयोध्या में विवादित स्थल सम्बन्धी मुकदमे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दिये जाने तक प्रदेश की कानून-व्यवस्था में कतई ढिलाई न बरती जाए.
मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि अयोध्या मामले के फैसले के बाद पिछले दो दिनों में बने अच्छे वातावरण के बाद कुछ शरारती तत्व आम लोगों को बहकाने, उकसाने तथा भड़काने का प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने अयोध्या विवाद के मामले में बेहद सावधानी बरते जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जब तक इस मामले से जुड़ा कोई पक्ष उच्चतम न्यायालय में नहीं जाता है और वहां से कोई रोक नहीं लग जाती, तब तक प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में किसी भी कीमत पर शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिये.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग भड़काऊ बयान देकर प्रदेश की शांति में खलल डालने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में अधिकारियों को सतर्क रहने और ऐसे शरारती तत्वों पर निगाह रखने जरूरत है.{mospagebreak}
मायावती ने आगामी त्यौहारों के मद्देनजर भी शरारती तत्वों से सतर्क रहने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को हर हाल में कायम रखा जाए. अगर कोई व्यक्ति अमन-चैन के माहौल को खराब करने की कोशिश करता है तो उससे सख्ती से पेश आया जाए.
मायावती ने प्रदेश के धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों के अलावा संवेदनशील क्षेत्रों पर भी कड़ी नजर बनाए रखने के निर्देश दिये. उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को पूरे प्रदेश में दौरा कर स्थिति की समीक्षा करने तथा जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और सम्बन्धित अन्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने के लिये जरूरी दिशानिर्देश देने के आदेश दिये.
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अयोध्या प्रकरण के मामले में सभी धर्म के लोगों ने जिस धर्य, संयम और साम्प्रदायिक सौहार्द का परिचय दिया है वह आगे भी कायम रहेगा.