आसाराम बापू को लेकर अब तक गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे, लेकिन अब मोदी ने साफ कर दिया है कि वे खुद तो आसाराम के बचाव में नहीं ही हैं, साथ ही यह भी नहीं चाहते कि पार्टी का कोई नेता आसाराम का पक्ष ले. आसाराम पर 16 साल की एक लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इसके बाद बीजेपी के कुछ नेता आसाराम के पक्ष में बोल रहे थे.
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गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रचार समिति के अध्यक्ष्ज्ञ नरेंद्र मोदी ने इस विषय में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से बात की. मोदी ने राजनाथ सिंह से यह सुनिश्चित कराने को कहा है कि पार्टी का कोई भी नेता या प्रवक्ता आसाराम के बचाव में कोई बयान न दे.
नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं को इससे चिपके रहने की नसीहत दी है कि अभी जांच चल रही है और आसाराम के मामले में कानून अपना काम करेगा. इससे ज्यादा कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है. नरेंद्र मोदी ने चेताया है कि किसी भी नेता या प्रवक्ता के बयान से ऐसा नहीं लगना चाहिए कि बीजेपी आसाराम का पक्ष ले रही है.
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गौरतलब है कि राज्यसभा के सांसद प्रभात झा ने 27 अगस्त को आसाराम के मामले को 'कांग्रेस की सोची समझी साजिश' करार दिया था. इससे पहले 22 अगस्त को बीजेपी नेता उमा भारती ने आसाराम के पक्ष में बयान दिया था. उमा ने ट्वीट किया था, 'आसाराम बापू बेकसूर हैं. सोनिया और राहुल गांधी का विरोध करने के चलते उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है. कांग्रेस नीत राज्यों में झूठे केस दर्ज कराए जा रहे हैं. हम आसाराम बापू के साथ हैं.'
उमा भारती ने शायद बिना जांचे विचारे यह बयान दे दिया था. शायद उन्हें यह मालूम नहीं था कि आसाराम के खिलाफ तीन बड़े मामले गुजरात में ही दर्ज हैं. आसाराम के मोटरिया आश्रम के रेजिडेंशियल स्कूल में दो नाबालिग बच्चों की रहस्यमयी मौत का मामला अहमदाबाद में अप्रैल 2008 में दर्ज हुआ था. इसके अलावा, दिसंबर 2009 में हत्या की कोशिश का मामला भी अहमदाबाद में दर्ज है. 2010 में जमीन से जुड़ा एक केस भी आसाराम पर दर्ज हुआ.
मोदी को पार्टी की छवि की चिंता
नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि बीजेपी की छवि ऐसी हो कि लोग शक करें. मोदी चाहते हैं कि लगातार विवादों में रहने वाले आसाराम के मामले में तो बीजेपी को पक्ष नहीं ही लेना चाहिए. आसाराम का पक्ष लेने पर कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है.
सुषमा स्वराज जब संसद में मुंबई रेप केस में आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रही थीं तो जेडीयू नेता शरद यादव ने उन्हें बीच में टोका और कहा कि उन्हें आसाराम पर लगे आरोपों के बारे में भी बात करनी चाहिए. इसके बाद सुषमा स्वराज ने चुप्पी साध ली.
हमेशा बीजेपी पर वार करने का मौका तलाशने वाले दिग्विजय सिंह ने भी 28 अगस्त को ट्वीट करते हुए कहा, 'महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर बीजेपी का दोहरा चरित्र सबके सामने है. औरों के लिए मौत की सजा की मांग और नकली गॉड मैन (आसाराम) के लिए क्षमादान!'