संप्रग सरकार द्वारा बिहार के साथ भेदभाव करने के राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस ने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने के मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए.
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री याद करें कि केंद्र में एनडीए की सरकार के समय राज्य की अर्थिक स्थिति कितनी खराब थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत गठबंधन ने बिहार को कोई विशेष दर्जा या सहायता नहीं देने दी.
नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए केंद्र पर राज्य की अनदेखी का आरोप लगाया जिसके कुछ ही घंटे बाद शकील अहमद ने कहा, ‘हर बिहारी अपने बिहार के लिए और ज्यादा चाहता है लेकिन किसी को भी विशेष दर्जा के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.’
बिहार के दिग्गज कांग्रेसी नेता माने जाने वाले अहमद ने कहा कि जनता को याद है कि बिहार के विभाजन के समय नीतीश कुमार और राजग सरकार ने बिहार और बिहारियों के साथ किस तरह का रवैया अपनाया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अहमद ने कहा, ‘उन्होंने बिहार के साथ बहुत खराब रवैया अपनाया. उन्होंने भारत सरकार को बिहार को कोई विशेष दर्जा या सहायता नहीं देने दी जबकि सच्चाई यह थी कि जमीन के नीचे या ऊपर, अधिकांश संपदा झारखंड के साथ चली गयी.’
बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर दिल्ली में जदयू की रैली में उमड़ी भीड़ के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘दिल्ली में 15 लाख से अधिक बिहारी हैं, हम उम्मीद करते हैं कि भारी भीड़ रही होगी.’
केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने नीतीश कुमार के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि विशेष दर्जे की मांग पर विचार चल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सभी राज्यों के साथ न्याय कर रहे हैं, भले ही वहां किसी भी पार्टी की सरकार हो.’
शुक्ला ने कहा, ‘हम बिहार की मदद के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कुछ मांग की है और प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री को पहले ही इसकी जानकारी है तथा मांग पर हमेशा विचार होता है.’
उन्होंने कहा कि बिहार को पिछड़ा क्षेत्र अनुदान राशि (बीआरजीएफ) के तहत विशेष सहायता दी गयी है.
हालांकि शुक्ला ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को और हर व्यक्ति को अपनी मांग उठाने का और रैली आयोजित करने का अधिकार है.