पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर किताब लिखने के कारण भाजपा से निष्काषित पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने कहा है कि उन्होंने जिन्ना के बारे में जो कुछ भी लिखा है, उस पर उन्हें कोई अफसोस नहीं है.
उल्लेखनीय है कि ‘जिन्ना - इण्डिया पार्टीशन एण्ड इंडीपेंडेंस’ नामक किताब में जसवंत ने कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थी और साथ ही जिन्ना की तारीफ भी की थी, जो भाजपा और संघ को रास नहीं आया और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
अपनी किताब के पाकिस्तान में लोकार्पण के मौके पर कराची आए जसवंत ने भारत और पाकिस्तान सरकार से दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने का प्रयास करने की भी अपील की.
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच काफी कुछ मिलता जुलता है और रिश्तों में सुधार लाया जाना चाहिए. कश्मीर का मुद्दा भी वार्ता के जरिये हल किया जा सकता है.’’ जसवंत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने मुद्दे आपस में ही सुलझाने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने दोनों देशों के बीच की वार्ता में किसी तीसरे पक्ष को शामिल किए जाने की जरूरत से इंकार किया.