केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग के महत्वपूर्ण घटक दल राकांपा ने महंगाई के लिए गठबंधन की मजबूरियों को जिम्मेदार बताने वाला बयान देने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर आज निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि उनके बयानों में ‘अहंकार’ की बजाय ‘विनम्रता’ झलकनी चाहिए. हालांकि, बाद में पार्टी उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने इसे पार्टी प्रवक्ता की निजी राय बताकर मामले को शांत करने की कोशिश की.
कृषि मंत्री शरद पवार पर परोक्ष तौर पर निशाना साधने वाला राहुल का बयान आने के एक दिन बाद राकांपा महासचिव और प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस नेता का बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है.
त्रिपाठी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी संप्रग में सबसे प्रमुख दल है और उस पार्टी के नेता के किसी भी बयान में अहंकार की बजाय विनम्रता झलकनी चाहिए.’ राहुल के बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए राकांपा नेता ने कहा कि पवार समेत किसी भी एक मंत्री को महंगाई के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि ‘यह सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है.’
त्रिपाठी ने कहा, ‘मैंने हमेशा राहुल गांधी की प्रशंसा की है और राजनीति में उनके सफल होने की कामना की है. लेकिन मुझे दुख हुआ कि संप्रग और कांग्रेस पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता ने ऐसा बयान दिया है जो तथ्यों पर आधारित नहीं है.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खाद्य एवं कृषि मुद्दे से निपटने के लिए पवार की प्रशंसा की है.{mospagebreak}
कांग्रेस को संदेश देते हुए राकांपा प्रवक्ता ने साफ कर दिया कि उसे गठबंधन की राजनीति में ही रहना है क्योंकि एक पार्टी का शासन निकट भविष्य में संभव नहीं दिखता.
त्रिपाठी ने कहा, ‘ये बहुपक्ष के दिन हैं. गठबंधन शासन का दौर है.’ राकांपा उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करते हुए कहा कि राहुल ने किसी व्यक्ति विशेष की आलोचना नहीं की.
पटेल ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि राहुल गांधी के बयान को मौजूदा गठबंधन के संदर्भ में देखा जाना चाहिए क्योंकि वह छात्रों की ओर से पूछे गए एक आम सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने किसी खास पार्टी की आलोचना नहीं की है.’ पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘त्रिपाठी ने जो कहा वह उनकी निजी राय हो सकती है.’
त्रिपाठी के उस बयान ने कांग्रेस को नाराज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल के बयान में ‘अहंकार’ की बजाय ‘विनम्रता’ झलकनी चाहिए. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा, ‘हम (राकांपा) संप्रग के साथ हैं और उसके साथ बने रहेंगे. राहुल ने पवार के बारे में कुछ भी नहीं कहा. कांग्रेस नेता के बयान को तोड़ने-मरोड़ने का कोई मतलब नहीं है.’{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘विवाद को बहुत ज्यादा तवज्जो देने का कोई मतलब नहीं है. क्यों राई का पहाड़ बनाया जाए.’ इससे पहले, राकांपा के एक अन्य महासचिव तारिक अनवर ने भी महंगाई के लिए गठबंधन राजनीति को जिम्मेदार ठहराने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि था कि इस मुद्दे पर अकेले खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार पर दोष मढना अन्याय होगा.
पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उनकी राय से सहमत नहीं हूं .. यह किसी के लिए भी अन्याय होगा, क्योंकि यह सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है.’ अनवर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस राय पर प्रतिक्रिया जता रहे थे कि महंगाई गठबंधन राजनीति का परिणाम है. गांधी का परोक्ष तौर पर इशारा पवार की तरफ था. कांग्रेस पहले भी मंहगाई के लिए पवार पर निशाना साध चुकी है.