वामपंथी दल सीपीएम ने आरोप लगाया है कि सरकारी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया भाषण प्रसारित नहीं किया. सीपीएम नेता वृंदा करात ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. वृंदा करात ने सवाल उठाया के लाल किले से प्रधानमंत्री को कॉपरेटिव फेडरेलिज्म की बात कर रहे हैं ऐसे में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया भाषण प्रसारित ना करना कौन सा को कॉपरेटिव फेडरेलिज्म है.
'आजतक' के पास त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार भाषण की कॉपी है जिसमें उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों पर जमकर निशाना साधा था. माणिक सरकार ने अपने भाषण में बिना नाम लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला करते हुए लिखा कि जो लोग आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे बल्कि अंग्रेजो के साथ मिलकर जिन्होंने आजादी के आंदोलन का विरोध किया था, आज वह लोग देश की जड़ों पर हमला कर देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
माणिक सरकार ने हाल ही में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का भी अपने भाषण में जिक्र किया था. दूरदर्शन ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रसारित होने वाले इस भाषण को 12 अगस्त को रिकॉर्ड किया था. 14 अगस्त की शाम को प्रसार भारती की ओर से मिले ईमेल में मुख्यमंत्री से कहा गया कि उन्हें अपने भाषण में बदलाव करना होगा.
'आजतक' के हाथ लगे इस ईमेल की कॉपी में मुख्यमंत्री को भेजे गए ईमेल में कहा गया है की प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की गई है. ईमेल में मुख्यमंत्री से कहा गया था कि वह अपने भाषण को स्वतंत्रता दिवस और लोगों की भावनाओं के अनुरूप बनाएं. माणिक सरकार के करीबी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने भाषण में तनिक भी बदलाव करने से मना कर दिया. इसके बाद 15 अगस्त को माणिक सरकार का भाषण दूरदर्शन में प्रसारित नहीं किया. जिसको लेकर सीपीएम ने सीधे-सीधे मोदी सरकार पर हमला बोला है.
विवाद गहराने के बाद दूरदर्शन केंद्र अगरतला की ओर से एक बयान जारी किया गया है. जिसमें माणिक सरकार की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया गया है. बयान में लिखा है कि दूरदर्शन ने सीएम माणिक सरकार का पूरा भाषण बिना किसी कट के प्रसारित किया है और उनकी ओर से लगाए ब्लेकआउट के आरोप बेबुनियाद हैं.