अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर मंत्री, संतरी, बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी योगासनों में व्यस्त हैं. इस कवायद में केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी जुड़े हैं, जिनके लिए योग जीवन की 'अनिवार्य आदत' जैसा है.
पोलियो अभियान शुरू कर इस मामले में पूरी दुनिया की अगुवाई करने वाले डॉ. हर्षवर्धन पिछले चालीस साल से लगातार योगासनों से ही अपने दिन की शुरुआत करते हैं. हर्षवर्धन को लगता है कि दुनिया का सेहत पर होने वाला खर्च योगासन की आदत से पचास फीसदी तक कम हो सकता है. यानी जीवन सुखमय भी, समृद्धिमय भी.
केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और भूविज्ञान मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के दिन की शुरुआत योग से होती है. इनका मानना है कि आदत में योगासन शामिल हो जाए, तो शरीर के साथ आर्थिक सेहत भी ठीक रहती है, क्योंकि 'योग भगाए रोग'.
दुनिया मान चुकी है भारत का लोहा
पंद्रह साल पहले जापान में स्वास्थ्य की चुनौतियों पर हुए विश्व सम्मेलन को याद करते हुए डॉ. हर्षवर्धन मानते हैं कि उसी समय भारत के योग का लोहा मानते हुए दुनियाभर के विद्वानों ने कहा था कि भारत में कुछ सालों बाद स्वास्थ्य की ऊर्जा का विस्फोट होगा. आज वो भविष्यवाणी सच साबित हो रही है.आज लोग भले ही भारत के पुरातन ज्ञान, योग विज्ञान को लेकर विवाद खड़े कर रहे हों, लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के एशियन रीजन के हेड रहे मलेशिया के डॉक्टर ने आयुर्वेद और योग की महत्ता बताते हुए जो ग्रंथ लिखा है, वह दुनिया की आंखें खोल देने वाला है.
अब पूरी दुनिया के लिए योग
अब योग का ज्ञान पूरी दुनिया के लिए है. दुनिया भारत के इस तोहफे का फायदा उठा सकती है, साथ ही इस पर और रिसर्च कर सकती है. यानी भारत ने विश्वगुरु बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है.