नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर बीते कुछ दिनों में चर्चा-ए-आम सुब्रमण्यम स्वामी अब एक और वजह से सुर्खियों में हैं. खबर है कि उन्होंने हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रगान में बदलाव की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक, स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को 30 नवंबर 2015 को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें उन्होंने 'जन गण मन...' के शब्दों में बदलाव की बात कही है. सोमवार को उन्होंने ट्विटर पर यह चिट्ठी साझा की. खत में लिखा गया है, 'राष्ट्रगान 'जन गण मन...' को संविधान सभा में सदन का मत मानकर स्वीकार कर लिया गया था. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के आखिरी दिन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बिना वोटिंग के ही 'जन गण मन...' को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था. हालांकि, उन्होंने माना था कि भविष्य में संसद इसके शब्दों में बदलाव कर सकती है.'
Dr @Swamy39 writes to our honourable PM @narendramodi for a slight change in national anthem. @jagdishshetty pic.twitter.com/LUPPJdi7TC
— harsh yadav (@harshyadav0012) December 21, 2015
'भविष्य के लिए छोड़ा गया था यह काम'
नेताजी ने सुझाया था बदलाव
स्वामी ने पीएम से अपील की है कि वह संसद में प्रस्ताव लाएं कि 'जन गण मन...' की धुन से छेड़छाड़ किए बगैर इसके शब्दों में बदलाव किया जाए. स्वामी ने सुझाव दिया है कि इसमें सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव को स्वीकार किया जा सकता है. स्वामी ने लिखा है, 'नेताजी ने ज्यादातर शब्दों को जस का तस रखा था, सिर्फ ब्रिटिश राजा की तारीफ में गाए गए शब्दों को हटा दिया था. इसकी जगह उन्होंने देशभक्ति के संस्कृत शब्दों का इस्तेमाल किया था.'
बीजेपी नेता ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि सुभाष चंद्र बोस के वर्जन में 95 फीसदी शब्द वैसे ही हैं, सिर्फ उन्होंने 5 फीसदी बदलाव किया था. उन्होंने मोदी से कहा है कि ऐसा करके सुभाष चंद्र बोस और देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.