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मौत की सजा के विरोधी थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

मुंबई बम धमाकों के कसूरवार याकूब मेमन को मौत की सजा देने या नहीं देने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने मौत की सजा का प्रावधान खत्म करने का समर्थन किया था.

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पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

मुंबई बम धमाकों के कसूरवार याकूब मेमन को मौत की सजा देने या नहीं देने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने मौत की सजा का प्रावधान खत्म करने का समर्थन करते हुए हाल ही में कहा था कि भारत के राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें ऐसे मामलों पर फैसला करने में दुख होता था क्योंकि उनमें से ज्यादातर के 'सामाजिक और आर्थिक पूर्वाग्रह' होते हैं.

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विधि आयोग को लिखी चिट्ठी में मौत की सजा का किया विरोध
कलाम ने हाल ही में मौत की सजा पर विधि आयोग के एक विमर्श पत्र पर अपनी राय दी थी. वह उन चंद लोगों में से एक थे जिन्होंने मौत की सजा का प्रावधान खत्म करने का समर्थन किया था. करीब 400 से ज्यादा लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी थी जिसमें ज्यादातर लोगों ने मौत की सजा का प्रावधान बनाए रखने का समर्थन किया था.

विमर्श पत्र पर अपनी राय में कलाम ने कहा था कि राष्ट्रपति के तौर पर उनके लिए सबसे मुश्किल काम मौत की सजा पर फैसला करना होता था.

अपनी किताब 'टर्निंग प्वॉइंट्स' में शेयर किए अनुभव
अपनी किताब 'टर्निंग प्वॉइंट्स' का हवाला देते हुए डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था, 'राष्ट्रपति के तौर पर मेरे लिए सबसे ज्यादा मुश्किल कामों में अदालतों की ओर से दी गई मौत की सजा की पुष्टि के मुद्दे पर फैसला करना शामिल था. मुझे आश्चर्य होता था कि जो भी मामले लंबित होते थे उनमें कमोबेश सभी के अपने सामाजिक और आर्थिक पूर्वाग्रह होते थे.' कलाम ने कहा था, 'इससे मुझे ऐसा लगता था कि हम ऐसे शख्स को सजा दे रहे हैं जो दुश्मनी में सबसे कम शामिल था और जिसकी अपराध करने की कोई सीधी मंशा नहीं थी.'

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याकूब की फांसी पर SC भी एकमत नहीं
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय एक पीठ ने मंगलवार को याकूब मेमन की उस अर्जी पर बंटा हुआ फैसला दिया जिसमें 30 जुलाई को निर्धारित उसकी फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी.पीठ ने इस मुद्दे को विचार के लिए एक बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश के हवाले कर दिया.

जस्टिस एआर दवे ने जहां याकूब की अर्जी खारिज कर दी, वहीं जस्टिस कुरियन जोसेफ ने 30 अप्रैल को जारी उस डेथ वॉरंट पर रोक लगा दी जिसके तहत उसे 30 जुलाई को फांसी दी जानी है.

भाषा से इनपुट

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