प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्हें याद करने पर गर्व होता है. पीएम ने कहा कि कलाम राष्ट्रपति बनने से पहले 'राष्ट्ररत्न' थे.
पीएम मोदी ने कहा कि डॉ. कलाम चाहते थे कि उन्हें शिक्षक के रूप में याद रखा जाए. उनका जीवन सबके लिए मार्गदर्शक है. पीएम ने कहा, 'डॉ. कलाम ने कभी भी अवसरों की तलाश नहीं की, बल्कि वे हमेशा चुनौतियों की तलाश करते थे.'
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कलाम के बाल और उनके अंदर का बालक, दोनों ही बहुत जाने-माने थे.' उन्होंने ऐलान किया कि सरकार ने कलाम के जन्म-स्थान पर स्मारक बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण कर लिया है.
The loss of Dr.Kalam is monumental, I am sure its a challenge for all of us to keep us with his absence: PM Modi
— ANI (@ANI_news) October 15, 2015
Dr.Kalam was a person who didnt look for opportunities but challenges: PM Modi pic.twitter.com/6ZAFylhS1n
— ANI (@ANI_news) October 15, 2015
Dr.Kalam kay baal aur unke andar ka balak dono hi bahot jaane maane the: PM Modi pic.twitter.com/UQ0jP5qICJ
— ANI (@ANI_news) October 15, 2015
डॉ. कलाम की प्रतिमा का अनावरण
डॉ. कलाम की 84वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री राजधानी में आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे. यह कार्यक्रम कलाम की जयंती के अवसर पर आयोजित किए जा रहे समारोहों में से एक है.
जुलाई में दिवंगत हुए थे कलाम
भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित डॉ. कलाम का निधन 27 जुलाई को हो गया था. वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और इस पद पर उनका कार्यकाल साल 2002 से 2007 तक रहा. राष्ट्रपति बनने से पहले कलाम चार दशक तक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक रहे. उन्होंने मुख्य तौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में अपनी सेवाएं दीं. वह भारत के असैन्य अंतरिक्ष कार्यम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों से जुड़े रहे. उनके इस योगदान के चलते उन्हें 'मिसाइल मैन' के नाम से जाना जाता है.