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युवा हो DRDO का चीफ, कॉन्ट्रैक्ट पर नहीं: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

सरकार ने माना है कि डीआरडीओ प्रमुख को अनुबंध से पहले ही हटाने का फैसला उनका था. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि ऐसे वरिष्ठ पदों पर कोई भी शख्स अनुबंध पर नहीं रखा जाना चाहिए और डीआरडीओ का चीफ युवा होना चाहिए.

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सरकार ने माना है कि डीआरडीओ प्रमुख को अनुबंध से पहले ही हटाने का फैसला उनका था. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि ऐसे वरिष्ठ पदों पर कोई भी शख्स अनुबंध पर नहीं रखा जाना चाहिए और डीआरडीओ का चीफ युवा होना चाहिए. साथ ही उन्होंने मामले पर कोई विवाद न होने की बात भी कही.

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सरकार ने मंगलवार को देश के शीर्ष रक्षा अनुसंधान संगठन के प्रमुख अविनाश चंद्र को उनका अनुबंध खत्म होने से 15 माह पहले ही हटा दिया. एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने अविनाश चंद्र के अनुबंध को खत्म करने का निर्णय किया और यह निर्णय 31 जनवरी से प्रभावी होगा.

दिलचस्प है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास सचिव सह डीआरडीओ महानिदेशक तथा रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार 64 साल की आयु पूरा होने पर पिछले साल 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे. उन्हें 31 मई 2016 तक के लिए 18 माह का अनुबंध दिया गया था. चंद्र को अनुबंध देने के बाद उन्हें हटाए जाने से सरकार के कदम पर सवाल उठ रहे हैं.

विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में उठाया गया हो सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि डीआरडीओ के निश्चिंतता वाले रवैये को सहन नहीं किया जा सकता. चंद्र की टिप्पणी फिलहाल उपलब्ध नहीं हो सकी. आईआईटी दिल्ली से इंलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद चंद्र ने 1972 में रक्षा विकास एवं अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) में सेवा शुरू की थी. चंद्र अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल प्रणाली श्रृंखला के मुख्य आधार रहे हैं.

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इनपुट: भाषा से.

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