देश में सरकारी वेबसाइटों को साइबर हमलों से बचाने के लिए केंद्र सरकार भारतीय साइबर वर्ल्ड के लिए नीतियां बनाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय साइबर प्राधिकरण बनाने के लिए प्रयासरत है. यह जानकारी डीआरडीओ के महानिदेशक अविनाश चंदर ने दी.
चंदर ने बताया कि हमें देशभर में विभिन्न साइबर प्रयासों को एकजुट करने की जरूरत है. राष्ट्रीय साइबर प्राधिकरण बनाने की योजना चल रही है लेकिन, यह फिलहाल शुरुआती चरण में ही है. उन्होंने यहां डीआरडीओ की कंबैट व्हीकल्स रिसर्च एवं डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट प्रयोगशाला में संवाददाताओं से कहा कि प्राधिकरण नीतियां और कार्य पद्धति तैयार करेगा और फिर ढांचे में व्यक्तिगत तत्वों और असल क्रियान्वयन की योजना बनाई जाएगी.
डीआरडीओ देश के अपने रूटरों और सुरक्षा प्रणालियों पर भी काम कर रहा है ताकि साइबर खतरों से बचा जा सके. उन्होंने सोशल मीडिया को देश के लिए एक और चुनौती बताया क्योंकि यह अरब क्रांति, आरेंज रिवोल्यूशन और कई अन्य का गवाह बना. यह महत्वपूर्ण बात है कि हम इस तरह के खतरों या आंतरिक खतरों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं.
हमें खतरों को अन्य के साथ मिलने नहीं देना चाहिए. मुख्य जंगी टैंक अर्जुन मार्क टू के विकास से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मिसाइलों को लेकर कुछ समस्या है. अन्य सभी पहलू पूरी तरह से स्पष्ट हैं. हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि उपलब्ध विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ समाधान क्या हो सकता है.