पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर उपयोग किए गए इजरायली स्पाइस बम के देसी वर्जन का भारत ने सफल परीक्षण किया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने राजस्थान के पोखरण में सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान से 500 किलोग्राम श्रेणी का गाइडेड बम छोड़ा. यह बम देश में ही विकसित किया गया है और यह स्पाइस बम से ज्यादा घातक है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए. यह प्रणाली विभिन्न युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
30 किमी दूर स्थित टारगेट पर सटीक निशानाDRDO Successfully Flight-Tested Guided Bomb https://t.co/VudJ2mBUJC pic.twitter.com/zI11jWuWWS
— Defence Spokesperson (@SpokespersonMoD) May 24, 2019
डीआरडीओ के इस 500 किलो वजनी देसी गाइडेड बम को जोधपुर से उड़े सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान से 30 किमी पहले दागा गया. ये अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर गिरा. इस स्मार्ट गाइडेड बम से दुश्मन के इलाके के एयर फील्ड को तबाह करने के साथ ही दुश्मन के ठिकानों को नजदीक से नष्ट किया जा सकता है.
बढ़ जाएगी एयर फोर्स की मारक क्षमता
इस गाइडेड बम के मिलने से एयर फोर्स की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी. इस बम को डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित लैब ने बनाया है. आने वाले दिनों में इससे दोगुने वजन का बम विकसित कर उसके परीक्षण की तैयारी की जा रही है.
दो दिन पहले हुआ था सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का परीक्षण
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया.
इजराइल से और स्पाइस बम खरीदेगा भारत
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से 26 फरवरी को किए गए बालाकोट एयरस्ट्राइक में जिस स्पाइस बम का इस्तेमाल किया गया था, भारतीय सेना अब इसी एडवांस बम को इजराइल से खरीदने जा रही है. भारतीय वायुसेना अपने हथियारों को और एडवांस बनाने के मकसद से इजराइल से स्पाइस-2000 बम खरीद रही है. इस बम को किसी भी इमारत को ध्वस्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से लगाया जा सकता है. इस बम का पुराना वर्जन पहले किसी इमारत में भेदने और फिर इमारत के अंदर धमाका करने में सक्षम था.
बेहद घातक है स्पाइस बम
पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक में बड़ी संख्या में जैश के आतंकी मारे गए थे. स्पाइस 2000 बम ने पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक के दौरान लक्ष्य पर निशाना साधते हुए पहले एक मीटर तक का गड्ढा बनाया. बाद में सरकार ने दावा किया कि वहां पर बड़े पैमाने में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया है.
स्पाइस शब्द का उपयोग क्यों किया गया
स्पाइस अंग्रेजी के SPICE शब्द (Smart, Precise Impact, Cost-Effective) से बना है और इसे इजराइल ने विकसित किया है. स्पाइस बम 3 तरह (स्पाइस 1000, स्पाइस 2000 और स्पाइस 250) के हैं. स्पाइस 2000 का वजन 900 किलो का होता है जिसमें आगे के हिस्से में MK-84, BLU-109 और RAP-2000 समेत कई तरह के बम लगे होते हैं.