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मॉनसून की बारिश में कमी, कई इलाकों में सूखे जैसे हालात

मॉनसून की बारिश में कमी का आंकड़ा 15 फीसदी तक जा पहुंचा है. मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के 641 जिलों में से 294 जिलों में मॉनसून की बारिश में कमी 20 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक रिकॉर्ड की गई है.

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कई जगह कम बारिश से हालात बदतर
कई जगह कम बारिश से हालात बदतर

मॉनसून की बारिश में कमी का आंकड़ा 15 फीसदी तक जा पहुंचा है. मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के 641 जिलों में से 294 जिलों में मॉनसून की बारिश में कमी 20 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक रिकॉर्ड की गई है.

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इसका सीधा मतलब यह हुआ कि देश का तकरीबन आधा हिस्सा बारिश की कमी की वजह से सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है. सूखे की गंभीरता के मद्देनजर कृषि मंत्रालय तमाम दूसरे विभागों और मंत्रालयों के साथ मिलकर इस स्थिति से निपटने के लिए कमर कस रहा है.

कृषि मंत्री देश में सूखे के हालात से निपटने के लिए जोर लगा रहे हैं. सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गई है. सूखा प्रभावित इलाकों का आकलन करने के लिए कृषि राज्यमंत्री और बागवानी आयुक्त जल्द ही प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे.

उधर, मौसम विभाग देशभर में बारिश की कमी की स्थिति पर नजर रखे हुए है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बारिश की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में गंगा-यमुना का मैदान है. साथ ही महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश की भीषण कमी से सूखे का संकट गंभीर हो गया है.

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देश के कुछ राज्यों में हालात इस तरह हैं:

--बिहार के 38 जिलों में से 20 जिलों में सूखे के हालात हैं.

--उत्तर प्रदेश में 71 जिलों में से 62 जिलों में सूखे की स्थिति है.

--हरियाणा के 21 जिलों में से 19 में सूखे की स्थिति है.

--पंजाब के 20 जिलों में से 15 में सूखे की गंभीर स्थिति है.महाराष्ट्र के 35 जिलों में से 27 में सूखे की गंभीर स्थिति है.

--कर्नाटक के 30 जिलों में से 12 जिलों में सूखे की स्थिति है.

--केरल के 14 जिलों में से 13 जिलों में बारिश की गंभीर कमी दर्ज की गई है.

पूरे देश में मॉनसून की बारिश इस बार अनोखे ढंग से हुई है. जिन इलाकों में मॉनसून की बारिश सामान्य रही है, वहां पर कम समय में ही झमाझम बारिश रिकॉर्ड की गई. इससे औसत का आंकड़ा तो मिल गया, लेकिन मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हुआ. ऐसे इलाके हैं राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत.

वहीं दूसरी तरफ देश के तमाम ऐसे इलाके हैं, जहां पर मॉनसून की बारिश न के बराबर हुई है. देश में ऐसे जिलों की संख्या 27 है, जहां पर मॉनसून की बारिश न के बराबर रही है. ऐसे में जून और जुलाई की अच्छी बारिश से देश में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 997 लाख हेक्टेयर तक जा पहुंची. लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि अगस्त और सितंबर की कम बारिश में देश का किसान कैसे अपनी फसल बचा पाएगा?

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