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नीतीश की शायरी पर शाहनवाज ने कहा, 'जिसे हम दोस्‍त बना लेते हैं, दगा नहीं देते'

बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में घटक दलों के बीच तनाव बढ़ते जाने को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि स्थिति अब गंभीर हो चुकी है. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत बीजेपी के ज्‍यादातर मंत्रियों ने दफ्तर जाना बंद कर दिया है और वे शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कार्यालय नहीं गए.

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बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में घटक दलों के बीच तनाव बढ़ते जाने को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि स्थिति अब गंभीर हो चुकी है. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत बीजेपी के ज्‍यादातर मंत्रियों ने दफ्तर जाना बंद कर दिया है और वे शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कार्यालय नहीं गए.

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कटिहार से सेवायात्रा में हिस्सा लेकर पटना लौटे मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि जेडीयू में तो हर वक्त बैठकें होती रहती हैं. ऐसे में अगर मौजूदा हालात पर गौर किया जाए तो हालात मुश्किल भरे हैं. इन हालात में क्या करना है, इस पर फैसला लेना है. आपसी चर्चा से जो भी फैसला लिया जाएगा, वह सबको बताया जाएगा.

उन्होंने बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा पुराने गठबंधन को नहीं तोड़ने की सलाह पर एक शेर से इशारा किया, 'दुआ देते हैं जीने की और दवा करते हैं मरने की.' उन्होंने कहा कि एक ओर हमें सुझाव दे रहे हैं और दूसरी ओर हमारी सुनने के लिए तैयार भी नहीं हैं. हमला शायराना था, लेकिन दर्द साफ झलक रहा था.

शाहनवाज ने कहा, 'दगा नहीं देते'
बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने नहले पर दहला दागते हुए कहा, 'हम दुआ भी देते हैं, दवा भी देते हैं. हम जिसे दोस्‍त बना लेते हैं उसे दगा नहीं देते.'

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जेडीयू नेताओं के मुताबिक नीतीश कुमार शनिवार को सबसे पहले अपने करीबी माने जा रहे पार्टी नेताओं से और फिर अपने सहयोगियों से मुलाकात करेंगे. पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि इस मामले पर अंतिम बैठक जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव की उपस्थिति में शनिवार रात या रविवार सुबह में हो सकती है.

नीतीश की अगुआई वाली सरकार में बीजेपी के 11 मंत्री हैं. गौरतलब है कि बीजेपी के गोवा अधिवेशन में नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव समिति के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही जेडीयू और बीजेपी के बीच तनाव और बढ़ गया था. पार्टी में मोदी को नई जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद नीतीश के लिए उन्हें बिहार आने से रोकना मुश्किल हो जाएगा.

जेडीयू ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से इस्तीफे पर भी असंतोष जताया था. बीजेपी नेताओं ने जेडीयू पर बीजेपी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था.

शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि अगर गठबंधन टूटता है तो इसके लिए जेडीयू जिम्मेवार होगा. बीजेपी नेता सी.पी. ठाकुर ने मीडिया को बताया, 'यह आपात स्थिति है इसलिए रणनीति तैयार करने के लिए और बैठकें होंगी.'

बीजेपी से अलग होने पर जेडीयू को सरकार बचाने के लिए संभवत: ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ सकती है. 243 सदस्यीय विधानसभा में जेडीयू के 118 विधायक हैं. यह संख्या बहुमत से चार कम है.

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जेडीयू के लिए अच्छी खबर यह है कि छह निर्दलीय विधायकों में से चार ने सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है. यहां तक कि कांग्रेस भी समर्थन दे सकती है. कांग्रेस के चार विधायक हैं.

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