दिल्ली में यमुना किनारे 11 मार्च से होने वाले श्री श्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. मंगलवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज तक से खास बातचीत में इस पूरे मामले पर सफाई दी.
पहले पुल बनाने से किया था इनकार: रक्षा मंत्री
इस कार्यक्रम के लिए सेना की इंजीनियर कोर के जवान यमुना पर एक पंटून पुल बना चुके हैं और दूसरे पर काम चल रहा है. इसी को लेकर रक्षा मंत्री ने सफाई दी. उन्होंने कहा, 'आर्ट ऑफ
लिविंग की तरफ रक्षा मंत्रालय के पास 6 पंटून ब्रिज का आवेदन आया था लेकिन सेना ने 6 पंटून ब्रिज बनाने से इनकार कर दिया था.'
'बस्सी ने दी थी पुल बनाने की सलाह'
बतौर पर्रिकर, इसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर बीएस बस्सी से इस बारे में पूछा. पुलिस कमिश्नर ने कहा की लाखों लोगों की भीड़ को देखते हुए भगदड़ का खतरा है.
ऐसे में सेना को ब्रिज बनाने का काम करना चाहिए और इसके बाद उन्होंने सेना को यमुना नदी के ऊपर एक पंटून ब्रिज बनाने का आदेश दिया.
सेना पहले भी ऐसे पुल बनाती रही है: पर्रिकर
रक्षा मंत्री ने एक निजी संस्थान के काम में सेना के इस्तेमाल के विवाद पर कहा कि लाखों लोगों की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना से पुल बनाने के लिए कहा गया है. सेना
पहले भी लोगों की सुरक्षा के लिए कुंभ मेले और दूसरे मौकों पर ऐसा काम करती रही है.
रक्षा सचिव को नई गाइडलाइन बनाने का आदेश
पर्रिकर ने रक्षा सचिव जी मोहन कुमार को निजी संस्थान और जनहित से जुड़े ऐसे कार्यों में सेना के इस्तेमाल पर नई गाइड लाइन बनाने का आदेश दिया है. अब तक सेना एक पुल बना चुकी
है और दूसरा पुल बनाने का काम चल रहा है. संभावना है कि सेना तीसरा पुल भी बना सकती है.