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फ्लेक्सी फेयर सिस्टम से बढ़ी रेलवे की कमाई, कहा- अभी भी सबसे सस्ती सेवा

मोहम्मद जमशेद ने बढ़े हुए किराए के एवज में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हए कहा कि रेलवे कुछ समय से यात्री सुविधाओं के लिए कई कदम उठा रही है.

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औसतन 80 लाख रुपये प्रतिदिन की कमाई बढ़ी
औसतन 80 लाख रुपये प्रतिदिन की कमाई बढ़ी

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फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू करने बाद लगातार आलोचना का सामना कर रहे रेलवे बोर्ड ने अपने कदम को तर्कसंगत बताते हुए कहा कि इस सिस्टम के बावजूद रेलवे से सफर करना यात्रियों के लिए बहुत महंगा नहीं है. रेलवे बोर्ड के मुताबिक राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में दो दिन पहले लागू किया गया फ्लेक्सी किराया सिस्टम के बावजूद रेलवे, सड़क और हवाई यातायात की तुलना में रेलवे अभी भी सस्ती परिवहन सेवा है.

'विमान और बसो के किराए से कम फेयर'
यात्रियों की नाराजगी और राजनीतिक दबाव के बीच रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद ने रविवार होने के बावजूद रेल भवन में अपने अधिकारियों के साथ संवाददाता सम्मेलन की स्क्रिप्ट तैयार कर रहे थे. रविवार दोपहर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद जमशेद पूरी तैयारी के साथ आए और आते ही उन्होंने एक पावर प्वॉइन्ट प्रेजेन्टेशन के साथ देश को बताने की कोशिश कि कैसे रेलवे के बढ़े हुए किराए समय की जरूरत हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली से जयपुर, चंडीगढ़, चेन्नई से बंगलुरु और मैसूर तक शताब्दी एक्सप्रेस और दिल्ली से तिरुवनंतपुरम, पटना और मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस के एसी टू श्रेणी का फ्लेक्सी किराया विमान के किराए से कम है. शताब्दी एक्सप्रेस का किराया भी वोल्वो बसों के किराए की तुलना में कम है.

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रेलवे की कमाई में होगा इजाफा
उन्होंने बताया फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होने के बाद 9 और 10 सितंबर को टिकट बुकिंग हुई है. 9 और 10 तारीख को शताब्दी, राजधानी और दुरंतो में क्रमश: 21000 और 29000 टिकट बुक किए गए, जबकि दोनों दिन क्रमश: 2700 और 3000 यात्रियों ने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के तहत अधिकतम किराया चुकाया. उन्होंने बताया कि 9 और 10 सितंबर को औसतन 80 लाख रुपये प्रतिदिन की कमाई बढ़ी है. इस तरह अगले एक साल में रेलवे को तकरीबन 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फ्लेक्सी किराया प्रणाली में भी यात्रियों को रियायतों का लाभ पहले जैसे ही उसी अनुपात में मिलता रहेगा. वरिष्ठ नागरिक पुरुष, महिला, खिलाड़ियों और रोगियों आदि को पहले से तय प्रतिशत किराए की छूट मिलती रहेगी.

मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद ने कहा कि फ्लेक्सी फेयर सिस्टम से आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनके मुताबिक हर दिन चलने वाली करीब 3200 मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में से मात्र 144 गाड़ियां (44 राजधानी, 54 दुरंतों और 46 शताब्दी एक्सप्रेस) ही फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के तहत लाई गईं हैं. इन ट्रेनों में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख यात्री सफर करते हैं. यह संख्या कुल आरक्षित यात्रियों के 10 फीसदी से भी कम है. उन्होंने फ्लेक्सी किराया प्रणाली को डायनामिक विमान किराया प्रणाली से बेहतर बताते हुए कहा कि इसमें लोगों को पता होता है कि किराया किस सीमा तक बढ़ सकता है और कब कितना किराया होगा. इसका मांग बढ़ने से कोई संबंध नहीं है, केवल सीटों की बुकिंग की सीमाएं हैं, उसी आधार पर किराया बढ़ता है.

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'रेलवे दे रही बेहतर सुविधाएं'
मोहम्मद जमशेद ने बढ़े हुए किराए के एवज में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हए कहा कि रेलवे कुछ समय से यात्री सुविधाओं के लिए कई कदम उठा रही है. रेलवे बेहतर कैटरिंग सुविधा, वाई-फाई इंटरनेट सेवा के लिए प्रयासरत है. इसके अलावा रेलवे एयरलाइनों की तर्ज पर फ्रीक्वेंट ट्रैवलर इंसेंटिव देने की योजना पर काम कर रही है.

एजेंटों पर लगेगी लगाम
फ्लेक्सी किराया प्रणाली से टिकट एजेंटों को लाभ होने और यात्रियों के एजेंटों के चंगुल में फंसने संबंधी आशंकाओं के बारे में पूछे जाने पर मोहम्मद जमशेद ने कहा कि रेलवे एजेंटों पर लगाम लगाने के लिए लगातार सतर्कता बरतती है और उसे रोकने के लिये कदम उठाती है. अगर पता चलता है कि फ्लेक्सी किराया प्रणाली के कारण ऐसी समस्या और बढ़ रही है, तो रेलवे समुचित कदम उठाएगी.

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