उत्तर भारत और पड़ोसी देशों में बुधवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टेर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है. भूकंप के झटके आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. बलूचिस्तान में एक बच्ची की मौत भी हो गई है. एक्सपर्ट की मानें, तो ये काफी बड़ा भूकंप नहीं था. जिस इलाके में ये भूकंप आया है, उस जगह ये सामान्य बात है.
भूगर्भशास्त्री जीएल गौतम ने बताया कि हिंदुकुश में 6.2 का भूकंप आया है, जो वहां के हिसाब से नॉर्मल है. हालांकि, ये भूकंप काफी बड़ा हो सकता था. इस भूकंप के आफ्टरशॉक भी आ सकते हैं. हालांकि, आफ्टरशॉक इससे कम ही तीव्रता के होंगे.
सिस्मोलॉजी के निदेशक विनीत गहलोत ने इस भूकंप के बारे में कहा कि 6.2 तीव्रता एक सामान्य भूकंप है, ज्यादा चिंता की बात नहीं है. चूंकि, इस भूकंप की गहराई ज्यादा नहीं थी, इसलिए इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है. इस झटके की गहराई करीब 180-190 किमी. थी. उन्होंने कहा कि जब लातूर में भूकंप आया था, उसकी तीव्रता 6.3 थी. लेकिन गहराई ज्यादा होने के वहां तबाही मची थी.
भूकंप के ये झटके दिल्ली के साथ पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए हैं. दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में इसका असर देखने को मिला. इसके साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कजाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
बलूचिस्तान के लस्बेला में एक छोटी बच्ची की भूकंप की वजह से मौत हो गई है. भूकंप आते ही कई घर गिर गए हैं, दीवार गिरने से ही बच्ची की मौत हुई है. करीब 9 लोग घायल भी हुए हैं.