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राज्यसभा की 58 सीटों पर चुनावों की घोषणा, BJP को मिलेगा ज्यादा फायदा

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के अलावा, बिहार की 6 राज्यसभा सीटें, महाराष्ट्र की 6, मध्य प्रदेश की 5, पश्चिम बंगाल की 5 और कर्नाटक की 4 सीटों पर चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर 5 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा. 12 मार्च तक नामांकन भरा जा सकता है. 23 मार्च को मतदान होंगे और 23 मार्च को ही वोटों की काउंटिंग होगी.

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संसद
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चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनावों की घोषणा कर दी है. चुनाव आयोग के अनुसार 23 मार्च को इन सीटों पर वोटिंग होगी. आयोग ने शुक्रवार को चुनाव के तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि 16 राज्यों के राज्यसभा की 58 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. आयोग के मुताबिक, अप्रैल-मई 2018 में 58 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, जिसके बाद ये सीटें खाली हो जाएंगी.

चुनाव आयोग के मुताबिक, उम्मीदवार 12 मार्च तक चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. बता दें कि इस चुनाव में सबसे ज्यादा 10 सीटें उत्तर प्रदेश से खाली हुई हैं. दरअसल, यूपी के 31 राज्यसभा सांसदों में से 9 सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती की सीट पर भी अप्रैल में चुनाव होने हैं. गौर हो कि मायावती ने पिछले साल जुलाई में इस्तीफा दे दिया था.

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उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के अलावा, बिहार की 6 राज्यसभा सीटें, महाराष्ट्र की 6, मध्य प्रदेश की 5, पश्चिम बंगाल की 5 और कर्नाटक की 4 सीटों पर चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर 5 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा. 12 मार्च तक नामांकन भरा जा सकता है. 23 मार्च को मतदान होंगे और 23 मार्च को ही वोटों की काउंटिंग होगी.

बीजेपी बन सकती है राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी

राज्यसभा के 245 सदस्यों में से मौजूदा समय में बीजेपी के पास सिर्फ 57 सदस्य और कांग्रेस के पास भी 54 हैं. इस तरह दोनों दलों की ताकत बराबर है. बीजेपी के पास लोकसभा की तरह राज्यसभा में अभी बहुमत नहीं है. माना जा रहा है कि इस साल बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 57 से बढ़कर कम से कम 67 हो जाएगी. तो वहीं कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 54 से घटकर 48 हो जाएगी.

राज्यसभा में किसके पास कितनी ताकत

बता दें कि मौजूदा समय में राज्यसभा में एनडीए के 87 सांसद हैं. इसमें से बीजेपी के 57,  टीडीपी के छह, शिवसेना के तीन, शिरोमणि अकाली दल के तीन, 7 जनता दल (यू), पीडीपी के दो सांसद शामिल हैं. इसके अलावा सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट आदि के चार सांसद हैं.

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वहीं, अभी एनडीए के मुकाबले यूपीए के राज्यसभा में सांसदों की संख्या अधिक है. कांग्रेस के 54, डीएमके के चार, आरजेडी के 3, आप के 3 और अन्य पार्टियों को मिलाकर यह संख्या कुल 84 पहुंचती है. इसके अलावा अन्य पार्टियों के 82 सांसद राज्यसभा में हैं.

बीजेपी बढ़ेगी, कांग्रेस, सपा घटेगी

इस साल बीजेपी के राज्यसभा सदस्य बढ़ेंगे. ये सदस्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और उत्तराखंड से चुनकर आएंगे. इन राज्यों में बीजेपी बड़ी ताकत के साथ सत्ता में है और उसके विधायकों की संख्या अच्छी खासी है. इसके साथ ही बीजेपी सहयोगी दलों की सीटें भी बढ़ेंगी. इनमें तेलगंगा में तेलगु देशम पार्टी और आंध्र में टीडीपी की सीटें बढ़ेगी. टीआरएस दो से बढ़कर पांच हो जाएगी, जबकि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की संख्या में गिरावट आएगी. इसके साथ ही सपा और बसपा की सीटें भी घटेगी.

यूपी से होगा बीजेपी को फायदा

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने है. इनमें सपा को पांच से छह सीटों का नुकसान होगा, जबकि बीजेपी को फायदा होगा. बीजेपी को आठ सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद है. इसके अलावा दो सीटें होगी, जिनमें से एक सपा और एक सीट संयुक्त रूप से होगी.

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