चुनाव आयोग ने आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को गैर मराठी लोगों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों के लिए और यह दावा करने के लिए 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद उनका राज्य में प्रवेश रोक दिया जाएगा.
आदर्श चुनाव आचार संहिता का पहली नजर में उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयोग ने राज को इसका जवाब देने के लिए 15 अक्टूबर की सुबह तक का समय दिया है. जवाब न मिलने पर आयोग राज को कोई नया संदर्भ दिए बिना फैसला करेगा. राज ने कथित तौर पर कहा था, 'जिस दिन आप यह राज्य मेरे हाथ में देते हैं उस दिन से ही महाराष्ट्र में किसी भी उद्योग में सृजित रोजगार सिर्फ राज्य के मराठी लड़के-लड़कियों को दिए जाएंगे. अन्य राज्यों के लोगों को कोई रोजगार नहीं दिया जाएगा. उनका प्रवेश भी रोक दिया जाएगा. ट्रेन से ही उनकी जांच शुरू की जाएगी.'
आयोग ने पांच अक्टूबर को घाटकोपर विधानसभा सीट के लिये एक चुनावी सभा में मराठी में कथित तौर पर कही गई राज की इन टिप्पणियों को अपनी नोटिस में अंग्रेजी में लिखा है. चुनाव आयोग ने नोटिस में यह जिक्र भी किया है कि राज ठाकरे ने कथित तौर पर कहा था कि अगर बाहर से आए लोगों के पास रहने और काम के लिए कोई व्यवस्था नहीं है तो वह चले जाएं. मेरे राज्य में न आएं. महाराष्ट्र ने दूसरे राज्यों के लोगों को रखने का ठेका नहीं लिया है. केवल हमारे लड़के-लड़कियों को यहां रोजगार मिलने चाहिए.
कालना विधानसभा सीट में 7 अक्टूबर को दिए राज के एक और भाषण का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि मनसे प्रमुख ने कथित तौर पर कहा था अगर मैं सत्ता में आता हूं तो न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करूंगा बल्कि यह सुनिश्चित भी करूंगा कि सभी सृजित रोजगार महाराष्ट्र के लड़के लड़कियों को मिलें. महाराष्ट्र में दूसरे राज्य के लोगों को रोजगार बंद कर दिया जाएगा.
सभी सीमाओं पर प्रवेश निषेध के बोर्ड लगा दिए जाएंगे. झुग्गियां बन जाती हैं लेकिन हमारे मराठी लोगों को वह किफायती घर नहीं मिलता जिसके वह हकदार हैं. उन्होंने कहा था कि अन्य राज्यों के लोग आते हैं और उन एक-एक झोपड़ी के एक एक करोड़ रुपये लेते हैं जिनमें उनका कब्जा होता है लेकिन स्थानीय लोग चाल में रहते हैं और वह भी किराये पर.
आयोग के मुताबिक, 'राज ने कथित तौर पर कहा था वे लोग निजी सुरक्षा गार्ड के तौर पर डबल बैरल गन ले कर महाराष्ट्र आते हैं . आपको यह कहां से मिली, क्या आप डकैत हैं ? लेकिन दूसरे राज्य से लोग आते हैं और उन्हें सुरक्षा गार्ड की नौकरी मिल जाती है . और हमारी पुलिस में भर्ती के लिए महाराष्ट्र से हमारे लड़के आते हैं तथा पांच किमी दौड़ते समय इन मराठी लड़कों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है. राज्य को मेरे हाथ में दीजिये, मैं सभी निजी सुरक्षा एजेंसियां बंद कर दूंगा और महाराष्ट्र की सुरक्षा एजेंसी चालू करूंगा तथा इनमें आपको रोजगार दूंगा. एक अधिवक्ता विनोद तिवारी ने स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों के समक्ष शिकायत की जिसके बाद चुनाव आयोग ने ठाकरे की टिप्पणियों पर संज्ञान लिया.'
शिकायत बीजेपी की स्थानीय इकाई के श्रीकांत भारतीय ने अग्रसारित की थी. आयोग ने ठाकरे को याद दिलाया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों में कहा गया है कि कोई भी पार्टी या प्रत्याशी ऐसी किसी गतिविधि में लिप्त नहीं रहेगा जिससे मतभेद उपजे या परस्पर घृणा फैले या विभिन्न जातियों, समुदायों, धर्मों के या भाषा के लोगों के बीच तनाव हो. इसमें यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 में विभिन्न वर्गों के नागरिकों के बीच चुनाव के सिलसिले में धार्मिक, नस्ली, जाति, सामुदायिक या भाषायी आधार पर वैमनस्य फैलाने को चुनावी अपराध कहा गया है.