पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव आयोग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ममता पर चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने का आरोप लगा है.
नया जिला बनाने का किया था ऐलान
आसनसोल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आसनसोल को जिला बनाने का ऐलान किया था. जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई. विपक्ष ने चुनाव आयोग से ममता के बयान को आचार संहिता का उल्लघंन बताया और कार्रवाई की मांग की. पूरे मामले में पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि 'हमें पता चला है कि ममता ने आसनसोल को जिला बनाने का वादा किया है. जिसको लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है'.
ममता अपने बयान पर कायम
जिसके बाद चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी कारण बताओ नोटिस जारी किया. लेकिन ममता के सुर नरम होने के बजाय और उग्र हो गए. ममता ने गुरुवार को फिर दोहराया कि वो अपने बयान पर अब भी कायम हैं. उल्टे ममता ने चुनाव आयोग को चैलेंज कर दिया. साथ ही ममता ने कहा कि अब सभी नोटिस का जवाब जनता 19 मई को देगी. पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के लिए 17 अप्रैल को मतदान होगा.
Showcause issued aftr it ws brought to knowledge of EC that some promise ws made fr creation of Asansol district-CEC pic.twitter.com/0WaJM6RuP6
— ANI (@ANI_news) April 14, 2016
पुलिस कमिश्नर को लेकर भी हुआ था विवाद
इससे पहले चुनाव आयोग ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को हटाकर ममता को झटका दिया था. बीजेपी ने राजीव पर टीएमसी को मदद करने का आरोप लगाया था. राजीव कुमार की जगह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सोमेन मित्रा कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर बनाए गए.
6 चरणों में चुनाव पर ममता ने उठाए थे सवाल
यही नहीं, चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही ममता ने चुनाव आयोग को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. ममता ने पश्चिम बंगाल में 6 चरणों में मतदान की लंबी अवधि को लेकर सवाल खड़े किए थे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि वह आयोग के निर्णय का सम्मान करती हैं.