scorecardresearch
 

चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को चेतावनी, आचार संहिता का पालन होगा जरूरी

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से ऐन पहले राजनीतिक दलों और वोटर्स को आदर्श चुनाव आचार संहिता की याद दिलाई गई है. आयोग ने ये ताकीद भी की है कि इनका पालन करना जरूरी होगा.

Advertisement
X
चुनाव आयोग
चुनाव आयोग

Advertisement

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से ऐन पहले राजनीतिक दलों और वोटर्स को आदर्श चुनाव आचार संहिता की याद दिलाई गई है. आयोग ने ये ताकीद भी की है कि इनका पालन करना जरूरी होगा.

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित पांचों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. लिहाजा आयोग ने जनता को भी आगाह किया गया है कि इसके पालन में राजनीतिक पार्टियां या नेता जहां भी लापरवाही करें फौरन इसकी सूचना और सबूत चुनाव आयोग के चौबीसों घंटे काम करने वाले कॉल सेंटर को टोलफ्री नंबर 1950 पर फोन या एसएमएस कर दें.

आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाते हुए आयोग ने चुनाव वाले राज्यों की सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ आम मतदाताओं को भी ये बताया कि चुनाव कार्यक्रम के ऐलान होने के 24 घंटों के भीतर सरकारी संपत्ति, इमारतों और उनके अहातों पर पोस्टर चिपकाने, नारे वगैरह लिखने, कट आउट या बैनर वगैरह लगाकर संपत्ति को खराब या गंदा करने पर पाबंदी होगी. पहले से लगाई गई गैरजरूरी चीजों को चुनाव के ऐलान के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा. सार्वजनिक संपदा या अहातों पर ये प्रावधान 48 घंटों में और निजी संपदा के मामले में 72 घंटों में हटाना जरूरी होगा. इस अवधि के बीतने पर कोई भी शिकायत आएगी तो आयोग अपने अमले के जरिये कड़ी कार्रवाई करेगा.

Advertisement

इसके अलावा चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि चुनाव वाले राज्यों में चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के फौरन बाद वहां की सरकारों में मंत्री, विधायक सरकारी वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. यानी निजी वाहनों या पार्टी से उपलब्ध कराये गये वाहनों का ही इस्तेमाल करना होगा.

1. सिर्फ चुनाव के काम में लगे अफसरों और अमले को सरकारी वाहनों के इस्तेमाल की छूट होगी. यानी डीएम, एसपी, एसडीएम जैसे अधिकारी अपनी वैध लाल, नीली, पीली बत्तियों वाले वाहनों का इस्तेमाल कर सकेंगे.

2. इसके अलावा सरकारी खजाने से अखबारों, टीवी, रेडियो या किसी भी प्रचार माध्यम से सरकारें अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन नहीं करा सकेंगी.

3. सरकार के मंत्रालयों या विभागों की आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक समारोह के फोटोग्राफ डालना आचार संहिता का उल्लंघन होगा. पहले से वेबसाइट पर डाली गई फोटो हटाना लाजमी होगा.

4. डेवलपमेंट और कंस्ट्रक्शन के कामों पर विभागों को चुनाव आयोग तक ये जानकारी चुनाव घोषणा के 72 घंटों के दौरान देनी होगी. जानकारी इस बात की कि चुनावों की घोषणा से पहले किन किन परियोजनाओं का काम शुरू हो चुका था और कौन कौन सी परियोजनाएं मंजूर हैं पर काम अब तक शुरू नहीं हुआ है.

आयोग ने इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दे दी है. इस बाबत आम जनता को भी जागरूक करने की बात कही गई है. कोई भी आम या खास इन प्रावधानों के उल्लंघन करने की सूचना और शिकायत चौबीसों घंटे चलने वाले चुनाव आयोग के कॉल सेंटर पर 1950 पर फोन या एसएमएस से कर सकेंगे. आयोग उनको कार्रवाई की भी जानकारी देगा.

Advertisement
Advertisement