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महंगाई के कारण अर्थशास्त्री पीएम की साख दांव पर

महंगाई को रोकने के सरकार के सारे प्रयास ‘मृगमरीचिका’ साबित होने का आरोप लगाते हुए मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्यसभा में कहा कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की साख दांव पर लग गयी है.

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महंगाई को रोकने के सरकार के सारे प्रयास ‘मृगमरीचिका’ साबित होने का आरोप लगाते हुए मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्यसभा में कहा कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की साख दांव पर लग गयी है. हालांकि कांग्रेस ने इस संबंध में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का जोरदार बचाव करते हुए विपक्ष से इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार नहीं बनाने तथा इससे निपटने के लिये सकारात्मक सुझाव देने की अपील की.

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राज्यसभा में महंगाई के मुद्दे पर पेश प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में पिछले 14 महीने के दौरान महंगाई रोकने के बारे में जो भी घोषणाएं कीं और आश्वासन दिये, वे ‘मृगमरीचिका’ साबित हुए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, योजना के आयोग के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्री और कृषि मंत्री के तमाम दावों के बावजूद मुद्रास्फीति और खाद्यान्न की कीमतें बढ़ने की रफ्तार जारी है.

विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारे समाज में कहावत है कि लोग कमाई के बारे में पूछने पर कहते हैं कि बस दाल-रोटी चल जाती है. आज महंगाई की यह स्थिति है कि आम आदमी हाथ से दाल-रोटी भी छिन रही है.

उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण लोगों की बचत राशि भी खत्म होती जा रही है. इससे सेवानिवृत्त लोगों पर विशेष तौर पर असर पड़ रहा है. अर्थव्यवस्था में जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उस अनुपात में ब्याज की दर में इजाफा नहीं हो रहा है. इससे भी आम आदमी पर विपरीत असर पड़ रहा है.

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