केंद्रीय सड़क परिवहन और MSME मंत्री नितिन गडकरी ने माना है कि रीयल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कुछ सेक्टरों में ‘गिरावट’ है. उन्होंने इसके लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी को जिम्मेदार ठहराया है.
मुंबई में इंडिया टुडे एन्क्लेव में बोलते हुए गडकरी ने जोर देकर कहा कि स्थिति में जल्दी सुधार होगा. गडकरी ने आश्वस्त किया कि जहां अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी, इससे रोजगार पैदा होंगे और 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा.
गडकरी ने कहा, ‘हमारी सरकार निवेश के हक़ में है, हमारे प्रधानमंत्री का एक दृष्टिकोण है जिसके आधार पर हम 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की योजना बना रहे हैं. हमारी नीतियां हमें अच्छी जीडीपी हासिल करने में मदद करेगी और हम देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बना सकेंगे.’
जब गडकरी से अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए कदमों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमने कारोबार को सुगम बनाने (इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस) के जरिए लाइसेंस राज को खत्म करने की कोशिश की है. अर्थव्यवस्था से जुड़ी मौजूदा समस्याएं वैश्विक अर्थव्यवस्था की वजह से हैं. सथ ही डिमांड और सप्लाई चेन में मेल नहीं है. ये समस्याएं आती रहती हैं.
ऐसी स्थितियों में हम निवेशकों के पीछे खड़े हैं. मैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए उनके साथ बैठक की है. अर्थव्यवस्था तेज होगी, रोजगार पैदा होंगे और हम 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करेंगे.’
जब गडकरी से विकास की धीमी दर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये दर अब भी अमेरिका और चीन जैसी सुपरपॉवर्स से बेहतर है. गडकरी ने कहा, ‘चीन और अमेरिका से तुलना की जाए तो हम बेहतर कर रहे हैं. लेकिन फिर भी नीचा लक्ष्य रखना अपराध है. भारत इस स्थिति से निकलेगा और विकास दर बेहतर होगी. जिस तरह के फैसले वित्त मंत्री ले रही हैं, तस्वीर जल्दी ही बदलेगी.’
गडकरी ने बताया कि MSME सेक्टर फिलहाल अर्थव्यवस्था में 29% योगदान देता है. गडकरी ने कहा. “देश की 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. लेकिन कारोबार शहरी क्षेत्रों में खडे हो रहे हैं, इससे पलायन होता है, कृषि प्रभावित होती है. हम ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस रखने वाले उद्योगों को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.”
जब गडकरी से पूछा गया कि मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट पर आपके फैसले को बीजेपी शासित कुछ राज्य ही पलट रहे हैं तो गडकरी ने इसे खारिज किया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता भी इसका समर्थन कर रहे हैं.
गडकरी ने सवाल किया, ‘बिल में जुर्माना लगाने का अध्याय समवर्ती सूची में है. शराब पीकर ड्राइविंग के अपराध पर बदलाव नहीं हो सकता, लेकिन हेलमेट ना पहनने पर हो सकता है...ऐसे मामलों में राज्य सरकार फैसला कर सकती हैं. जो भी राज्य ऐसे मामलों में करते हैं वो उनका अपना अधिकार है. मीडिया टकराव क्यों कराना चाहता है.’
गडकरी ने कहा, ‘भारी जुर्माना लगाना राजस्व पैदा करने के लिए नहीं है. करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में मरते हैं और ढाई से तीन लाख हादसों की वजह से विकलांग हो जाते हैं. इनमें से अधिकतर 30 से 35 साल के बीच होते हैं. ये इसलिए क्योंकि लोग डरते नहीं और कानून का सम्मान नहीं करते. हमारा मकसद है लोग कानून को मानें और जानों को बचाया जा सके.