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रोज वैली घोटाला: ED की रिपोर्ट के बाद TMC के और कई नेता CBI रडार पर

इंडिया टुडे के पास प्रवर्तन निदेशालाय (ED) की रिपोर्ट की प्रति है जिससे पता चलता है कि किस तरह तृणमूल के कुछ दिग्गज नेता जांच के रडार पर हैं.

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ममता बनर्जी और सुदीप बंदोपाध्याय
ममता बनर्जी और सुदीप बंदोपाध्याय

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रोज वैली चिट फंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों की गिरफ्तारी के बाद भी तूफान थमा नहीं है. अब इसी सिलसिले में पार्टी के तीन और नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, इनमें से दो ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री हैं. बता दें कि बीते एक हफ्ते में सीबाआई पार्टी के दो सांसदों- सुदीप बंदोपाध्याय और तपस पाल को गिरफ्तार कर चुकी है. रोज वैली चिट फंड घोटाले में जैसे सीबीआई की जांच जैसे जैसे बढ़ रही है वैसे वैसे ये घोटाला शारदा ग्रुप घोटाले से कई गुणा बड़ा नजर आने लगा है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि तृणमूल के किस नेता का पूछताछ के लिए अगला नंबर आएगा.

इंडिया टुडे के पास प्रवर्तन निदेशालाय (ED) की रिपोर्ट की प्रति है जिससे पता चलता है कि किस तरह तृणमूल के कुछ दिग्गज नेता जांच के रडार पर हैं. पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच करते वक्त ED को तृणमूल नेताओं के खिलाफ संयोगवश कुछ सबूत मिले थे. ED जुटाए गए प्रथम दृष्टया सबूत को आगे जांच के लिए सीबीआई को सौंप चुकी है.

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2015 में सौंपी गई रिपोर्ट में ममता बनर्जी कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री का नाम है जिसका ताल्लुक कोलकाता से है. इसके अलावा उत्तर बंगाल से एक मंत्री और तृणमूल के छात्र विंग के एक पूर्व अध्यक्ष का भी नाम है. रिपोर्ट में ED ने उल्लेख किया है कि कोलकाता से ताल्लुक रखने वाले मंत्री ने रोज वैली के चेयरमैन गौतम कुंडू की मदद की थी. ये मदद 'रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ उपभोक्ता अदालतों में दर्ज केसों को प्रभावित करने में' की गई थी. रिपोर्ट में आरोप है कि मंत्री ने अपनी बेटी को उसका इंटीरियर डेकोरेशन बिजनेस शुरू कराने के लिए गौतम कुंडू से मिलवाया था.

उत्तर बंगाल के मंत्री के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने रोज वैली के मालिक को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल के एक दौरे पर उनसे मिलवाया था. रिपोर्ट के मुताबिक 'इस मंत्री ने गौतम कुंडू के सिलीगुड़ी और दूआरस में स्थित शिक्षा और होटल के कारोबार को भी प्रभावित किया था.'

रिपोर्ट में तृणमूल के एक और जिस नेता का नाम है वो तृणमूल छात्र परिषद का पूर्व अध्यक्ष है. ये नेता शारदा घोटाले में भी जांच के रडार पर है. रिपोर्ट में इस नेता के बारे में कहा गया है- 'वो रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के मनी मार्केटिंग के बिजनेस से गहरे तौर पर जुड़ा था और उसने मार्केट से फंड इकट्ठा करने के लिए एजेंट्स को ट्रेनिंग भी दी थी.' रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेता ने पार्टी के महासचिव के अपने पद का भी इस्तेमाल किया और अभियुक्त व्यक्ति को भरोसा दिया था कि रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ भविष्य में होने वाली शिकायतों पर स्थानीय पुलिस को प्रभाव में लेकर चेक रखेगा.

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