अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल उसकी कंपनी मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, और कंपनी दो निदेशकों आर के नंदा और जेबी सुब्रह्मणयम के खिलाफ दूसरी चार्जशीट दाखिल कर दी है. ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स वो शख्स है जिस पर भारतीय जांच एजेंसियों को शक है कि हेलीकॉप्टर सौदा लेने के लिए जेम्स ने कुछ भारतीय नौकरशाहों, राजनेताओं और पत्रकारों को घूस दी. वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली में कई जगहों पर ED की छापेमारी चल रही है.
क्रिश्चियन मिशेल पर ED का शिकंजा
आरोप है कि घूस की रकम में से 6.33 करोड़ रुपये मिशेल की कंपनी मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड में दुबई की एक और कंपनी ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई के जरिये भेजे गए. जेम्स के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय रेड कार्नर नोटिस भी जारी करा चुका है. साथ ही ओपन अरेस्ट वारंट भी जारी हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद जेम्स को प्रत्यार्पण कराने में परेशानी हो रही थी, क्योंकि उसके खिलाफ अबतक कोई आरोपपत्र कोर्ट के सामने नहीं दाखिल किया गया था.
मिशेल को प्रत्यार्पण कर भारत लाने की तैयारी
नियमों के मुताबिक किसी शख्स को अगर प्रत्यार्पण कर भारत लाया जाना है तो इसके लिए जरूरी है कि उसके खिलाफ किसी भारतीय कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल हो. इसी नियम के तहत ईडी ने अब तक की जांच के आधार पर जेम्स और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर प्रत्यार्पण का रास्ता खोल दिया है. ईडी के आरोपपत्र में सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है कि मिशेल की कंपनी ने अगस्ता कंपनी से दो समझौते किए. ये समझौते हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर किए गए थे. इन समझौतों के तहत अगस्ता कंपनी ने जेम्स की दुबई और लंदन स्थित कंपनियों को 30 लाख यूरो यानी 225 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
मिशेल के जरिये रिश्वत का खेल
आरोप है कि मिशेल ने हेलीकॉप्टर सौदा अगस्ता कंपनी के फेवर में करने के लिए जमकर रिश्वत बांटी. जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक जेम्स ही वह शख्स है जो बता सकता है कि किस नेता, नौकरशाह और पत्रकार को कितने-कितने पैसे कब और कहां दिए गए. आरोपपत्र में बताया गया है कि मिशेल ने दिल्ली में मीडिया एक्जिम के नाम से एक कंपनी खोली और दिल्ली निवासी आर के नंदा और मुंबई के एक पत्रकार जे बी सुब्रह्मणयम को उसमें निदेशक बनाया. इस कंपनी में जेम्स ने अपनी विदेशी कंपनियों के जरिए एफडीआई और अन्य तरीकों से करोड़ों रुपये भेजे, यही नहीं, इस कंपनी ने दिल्ली में कई जायदाद भी खरीदी, जिसे प्रवर्तन निदेशालय पहले ही जब्त कर चुका है.
भारतीय दूतावास को किया गया आगाह
आरोपपत्र में खुलासा किया गया है कि मिशेल ने संबंध बनाने और सूचना लेने के लिए पैसा बांटा और यहां तक कि किसी उपकरण के लिए ट्रायल करने इटली गई भारतीय नौसेना की एक टीम को भी अपने जाल में फांसने की कोशिश की थी. लेकिन वो टीम उसके झांसे में नहीं आई. जेम्स के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए जाने के बाद भारतीय दूतावास के जरिए ब्रिटेन प्रशासन को सूचित कर दिया गया है. हेलीकॉप्टर घोटाले में ईडी का ये दूसरा आरोपपत्र है, जबकि सीबीआई ने इस मामले में अब तक ना तो कोई गिरफ्तारी की है और ना ही कोई आरोपपत्र कोर्ट के सामने दाखिल किया है. अगर जेम्स को भारत प्रत्यार्पण कराने में सफलता मिलती है तो हेलीकॉप्टर घोटाले में घूस की चेन का पर्दाफाश हो जाएगा और अनेक दिग्गज इसके जाल में फंस सकते हैं.